नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सरकार सोना और चांदी पर सीमा शुल्क को तार्किक बना रही है.
सीतारमण ने घोषणा की कि सोने और चांदी पर आयात शुल्क में 5 फीसदी की कटौती की जायेगी. इस समय सोने पर 12.5 फीसदी आयात शुल्क चुकाना पड़ता है. इस तरह से अब सोने और चांदी पर सिर्फ 7.5 फीसदी आयात शुल्क चुकाना पड़ेगा.
वित्त मंत्री ने कहा कि जुलाई 2019 में सोने पर आयात शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी किया गया था. इसके कारण देश में सोने के भाव में काफी उछाल आया था. सरकार ने इसे देखते हुए फैसला किया कि सोने और चांदी पर सीमा शुल्क को तर्कसंगत बनाया जाये. इस बजट घोषणा का असर बाजार पर भी नजर आयेगा.
भारत में बड़ी मात्रा में स्वर्ण आयात होता है और विदेश और भारत के बीच इसकी कीमतों में फर्क के कारण देश में सोने की तस्करी भी होती है. माना जा रहा है कि अब चूंकि ये कदम उठाया गया है इसलिए तस्करी में कमी आ सकती है.
सीतारमण ने लोकसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि वाहनों के कल-पुर्जे, सौर ऊर्जा क्षेत्र के उपकरणों, सूती तथा कच्चे रेशम पर सीमा शुल्क को बढ़ाया गया है. इनके अलावा नेफ्था पर सीमा शुल्क को घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया गया है. इस्पात के कबाड़ (स्टील स्क्रैप) को मार्च 2022 तक सीमा शुल्क से छूट दी गयी है.
वित्त मंत्री ने कुछ उत्पादों पर बुनियादी संरचना विकास उपकर लगाने का भी प्रस्ताव किया. सोना और चांदी पर 2.5 प्रतिशत, सेब पर 35 प्रतिशत, विशेषीकृत उर्वरकों पर 5 प्रतिशत, कोयला, लिग्नाइट, पेट कोक पर 1.5 प्रतिशत कृषि बुनियादी उपकर लगाया गया.
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