नयी दिल्ली, छह मार्च (भाषा) जीएसटी परिषद ने जीएसटी राजस्व के विश्लेषण पर मंत्री समूह (जीओएम) का पुनर्गठन किया है। मंत्री समूह क्षेत्र-विशिष्ट उन मुद्दों के बारे में सुझाव देगा, जिनमें नीतिगत हस्तक्षेप करने की जरूरत है। साथ ही यह कर चोरी को रोकने के लिए एकीकृत प्रवर्तन मंच की व्यवहार्यता पर भी सुझाव देगा।
जीएसटी परिषद ने 21 दिसंबर, 2024 को अपनी 55वीं बैठक में संशोधित ‘नियम और शर्तों’ (टीओआर) के साथ जीएसटी राजस्व विश्लेषण पर मंत्रियों के समूह (जीओएम) का पुनर्गठन करने का निर्णय लिया था।
जीओएम की स्थापना सबसे पहले वर्ष 2019 में की गई थी। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के नेतृत्व में ‘जीएसटी से राजस्व के विश्लेषण’ पर पुनर्गठित जीओएम में बिहार (सम्राट चौधरी), छत्तीसगढ़ (ओपी चौधरी), गुजरात (कनुभाई देसाई), आंध्र प्रदेश (पी केशव), महाराष्ट्र (अजीत पवार), पंजाब (हरपाल सिंह चीमा), तमिलनाडु (थंगम थेन्नारासु) और तेलंगाना (एमबी विक्रमार्क) सहित नौ सदस्य होंगे।
विस्तारित टीओआर के अनुसार, जीओएम राज्यवार राजस्व संग्रह प्रवृत्ति का विश्लेषण करेगा, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों और क्षेत्रों में राजस्व के तरीके की पहचान शामिल है।
यह अंतर-राज्यीय बाहरी आपूर्ति से राजस्व के विवरण की भी समीक्षा करेगा। यह क्षेत्रवार विश्लेषण की समीक्षा भी करेगा और क्षेत्र-विशिष्ट मुद्दों की पहचान करेगा, जिनके लिए नीतिगत हस्तक्षेप या प्रवर्तन उपायों की आवश्यकता है।
जीओएम जीएसटी राजस्व पर व्यापक आर्थिक नीति परिवर्तनों और भौगोलिक कारकों के प्रभाव, कृषि और छोटे राज्यों के सामने आने वाली चुनौतियों और जीएसटी अधिनियमों और नियमों में किए गए संशोधनों के प्रभाव का भी विश्लेषण करेगा।
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) एक जुलाई, 2017 को लागू किया गया था। तब से जीएसटी परिषद की मंजूरी के बाद अधिनियम और इसके नियमों में संशोधन किया गया है, ताकि व्यवसायों के लिए इसे आसान बनाया जा सके।
जीओएम का विस्तारित टीओआर ऐसे समय में आया है जब बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के नेतृत्व में एक और जीओएम पहले से ही जीएसटी दरों और स्लैब को युक्तिसंगत बनाने पर काम कर रहा है।
इसके अलावा, वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी के नेतृत्व में एक और मंत्री समूह है, जो 31 मार्च, 2026 को समाप्त होने के बाद मुआवजा उपकर और इसे बदलने के लिए कराधान प्रस्ताव पर फैसला करेगा।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-फरवरी के दौरान सकल जीएसटी संग्रह 9.4 प्रतिशत बढ़कर लगभग 20.13 लाख करोड़ रुपये हो गया है। रिफंड के समायोजन के बाद, अप्रैल-फरवरी के बीच संग्रह शुद्ध आधार पर 8.6 प्रतिशत बढ़कर 17.79 लाख करोड़ रुपये रहा है।
भाषा राजेश राजेश अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.