नयी दिल्ली, 17 अगस्त (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय की शाखा डीजीटीआर ने कुछ समतल इस्पात उत्पादों के आयात पर तीन साल के लिए सुरक्षा शुल्क लगाने की सिफारिश की है। घरेलू विनिर्माताओं को आयात में अचानक वृद्धि से बचाने के लिए ऐसा किया गया।
यह सिफारिश भारतीय इस्पात संघ की शिकायत पर की गई जांच के बाद आई है। इस शिकायत में कहा गया था कि विदेशों से भारी मात्रा में इस्पात का आयात हो रहा है, जिससे भारतीय कंपनियों को नुकसान हो रहा है।
जांच के प्रारंभिक निष्कर्षों के आधार पर, सरकार ने अप्रैल में ही 200 दिनों के लिए 12 प्रतिशत का अस्थायी सुरक्षा शुल्क लगाया था।
व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने एक अधिसूचना में कहा, ”अंतिम रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है कि अप्रत्याशित परिस्थितियों के कारण भारत में संबंधित उत्पाद के आयात में हाल ही में अचानक, तेज और महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है… और यह घरेलू उद्योग/ विनिर्माताओं को भारी नुकसान पहुंचा सकता है।”
डीजीटीआर ने पहले साल के लिए 12 प्रतिशत, दूसरे साल के लिए 11.5 प्रतिशत और तीसरे साल के लिए 11 प्रतिशत शुल्क लगाने की सिफारिश की है।
भारतीय इस्पात संघ ने अपने सदस्यों की ओर से गैर-मिश्रधातु और मिश्रधातु समतल इस्पात उत्पादों के आयात पर सुरक्षा शुल्क लगाने के लिए आवेदन दायर किया था।
भाषा योगेश पाण्डेय
पाण्डेय
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