नयी दिल्ली, 21 मार्च (भाषा) संसद की एक समिति ने सोमवार को कहा कि कि दूरसंचार विभाग को एमटीएनएल के 26,500 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज और संपत्तियों को अलग कर विशेष-उद्देश्य वाली इकाई में रखने तथा फिर उसके परिचालन का बीएसएनएल में विलय करने पर विचार करना चाहिए।
लोकसभा सदस्य शशि थरूर की अध्यक्षता वाली संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर गठित संसद की स्थायी समिति ने कहा कि बीएसएनएल राजस्व कमाने के लिए कोशिश कर रही है और कंपनी को लेकर उम्मीद बनी हुई है।
समिति ने यह भी सिफारिश की है कि घाटे में चल रही इस सार्वजनिक कंपनी को 5जी सेवाएं शुरू करने के लिये देश में निजी दूरंसचार कंपनियों के समान स्पेक्ट्रम आवंटित किये जाने चाहिए।
बीएसएनएल और एमटीएनएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक पी के पुरवार ने समिति के समक्ष अपने प्रतिवेदन में कहा है कि बीएसएनएल 2025-26 तक लाभ में आ जाएगी। वहीं एमटीएनएल का बाजार में टिके रहना संभव नहीं है क्योंकि उसके ऊपर 26,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज है जबकि राजस्व 1,300 करोड़ रुपये है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘समिति सिफारिश करती है कि विभाग विभिन्न विकल्पों पर विचार करे जिसमें एयर इंडिया की तरह कर्ज और संपत्ति को अलग करना तथा परिचालन का विलय बीएसएनएल के साथ किया जाना शामिल है जैसा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ने सुझाव दिये हैं…।’’
भाषा रमण प्रेम
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