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गुरूवार, 8 मई, 2025
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आरईसी छह साल में नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को 2.5 लाख करोड़ रुपये का वित्त देगीः चेयरमैन

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नयी दिल्ली, आठ मई (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी आरईसी लिमिटेड अगले छह साल में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपये का वित्त मुहैया कराएगी ताकि वर्ष 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा के लक्ष्य को हासिल किया जा सके।

बिजली परियोजनाओं को वित्त मुहैया कराने वाली कंपनी ने फिलहाल नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को करीब 53,000 करोड़ रुपये का वित्तपोषण किया हुआ है। इसने 31 मार्च, 2025 तक कुल 5.67 लाख करोड़ रुपये का ऋण दिया है।

आरईसी ने वर्ष 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में तीन लाख करोड़ रुपये के जोखिम सहित कुल 10 लाख करोड़ रुपये का ऋण देने की योजना बनाई है।

आरईसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक जीतेंद्र श्रीवास्तव ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा एक प्रमुख क्षेत्र है जहां कंपनी आने वाले छह वर्षों में देश की अर्थव्यवस्था को देखते हुए ध्यान केंद्रित करेगी।

श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘फिलहाल हमने करीब 5.67 लाख करोड़ रुपये के कर्ज दिए हुए हैं और हम इसे 2030 तक इसे 10 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें से हम नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र का कर्ज लगभग तीन लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाना चाहते हैं। हम इस क्षेत्र को आगे बढ़ाना चाहेंगे।’’

उन्होंने कहा कि कंपनी नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में काफी आक्रामक होगी। मार्च, 2025 तक भारत की स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता लगभग 220 गीगावाट थी। लेकिन 500 गीगावाट क्षमता का लक्ष्य हासिल करने के लिए भारत को 2030 तक प्रति वर्ष 50 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता जोड़ने की जरूरत है।

सरकार ने घरों की छत पर सौर ऊर्जा इकाई लगाने की ‘पीएम सूर्य-घर योजना’ को लागू करने के लिए आरईसी को नोडल एजेंसी नियुक्त किया है।

श्रीवास्तव ने इस योजना की प्रगति के बारे में कहा, ‘‘योजना के लिए हमारा लक्ष्य एक करोड़ घरों का है, जिसमें से 51 लाख आवेदन आ चुके हैं। इसमें से 12 लाख लोगों को पहले ही मंजूरी मिल गई है और अगले दो वर्षों में हम एक करोड़ घरों का लक्ष्य पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं।’’

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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