नयी दिल्ली, पांच जून (भाषा) आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा से पहले रियल एस्टेट कंपनियों ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कटौती की उम्मीद जतायी है। रियल एस्टेट क्षेत्र के शीर्ष निकाय क्रेडाई और नारेडको का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक शुक्रवार को रेपो दर में कम से कम 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
उद्योग संगठनों ने कहा कि इससे मकानों की मांग बढ़ने के साथ क्षेत्र को गति मिलेगी।
आरबीआई की दर तय करने वाली मौद्रिक नीति समिति की तीन-दिवसीय बैठक चार जून को शुरू हुई। केंद्रीय बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा शुक्रवार को बैठक के फैसले की घोषणा करेंगे।
रियल एस्टेट संगठनों के शीर्ष निकाय क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर पटेल ने पीटीआई-भाषा से कहा, “हम रेपो रेट में 0.50 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद कर रहे हैं। इससे आवास मांग में काफी बढ़ोतरी होगी।”
उन्होंने कहा कि कम से कम 0.25 प्रतिशत की कटौती होनी चाहिए।
पटेल ने कहा, “पिछले तीन महीनों में आवास की मांग थोड़ी धीमी रही है। इसलिए, दर में कटौती से बिक्री में सुधार करने में काफी मदद मिलेगी।”
आरबीआई ने फरवरी और अप्रैल की मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती की है।
नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी हरि बाबू ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र हमेशा आरबीआई की मौद्रिक नीति पर कड़ी नजर रखता है, क्योंकि इसका आवास की मांग पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है।
उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण चालक है, जिसका सीमेंट और इस्पात से लेकर फर्नीचर और साज-सज्जा तक 200 से अधिक क्षेत्रों से संबंध है।
हरिबाबू ने कहा, “इसलिए, रेपो दर में कटौती से न केवल आवास की मांग बढ़ेगी, बल्कि समग्र आर्थिक वृद्धि को भी बढ़ावा मिलेगा और बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा होगा।”
अंसल हाउसिंग के निदेशक कुशाग्र अंसल ने कहा, “आवास कर्ज की ईएमआई पर ब्याज दर में कटौती का सीधा असर पड़ता है। अगर आरबीआई फिर से कटौती करता है, तो मध्यम वर्ग के लिए घर खरीदना और आसान हो जाएगा। मासिक किस्त कम होगी तो लोगों के लिए निर्णय लेना भी आसान होगा। इससे बाजार में फ्लैट की मांग में वृद्धि आ सकती है।’’
गौड़ ग्रुप के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मनोज गौड़ ने कहा, ‘‘ रियल एस्टेट बाजार संभवत देश का सबसे बड़ा और महत्वपूर्व क्षेत्र है और ये पिछले दो साल से अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। हमें इस बार भी रेपो दर में में कुछ कटौती की उम्मीद है…।’’
उन्होंने कहा, ‘‘रियल एस्टेट क्षेत्र की रफ्तार काफी हद तक ब्याज दर पर टिकी होती है। अगर इस बार भी आरबीआई रेपो रेट में कटौती करता है, तो इसका सीधा फायदा बाजार को मिलेगा।’’
कृष्णा समूह और कृसुमी कॉरपोरेशन के चेयरमैन अशोक कपूर ने कहा, “आरबीआई ने अपनी पिछली नीति समीक्षा बैठक में उदार रुख अपनाया था और उम्मीद है कि हम फिर से कटौती देखेंगे, जिससे अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को और राहत मिलेगी।”
एआरआईपीएल के संस्थापक और प्रबंध निदेशक सुरेंद्र कौशिक ने कहा, ‘‘रेपो दर में केवल एक प्रतिशत की कटौती भी 20 साल के आवास ऋण पर ग्राहकों को अच्छी-खासी बचत दिला सकती है। यह बचत घर खरीदारों के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन बनती है। इससे न केवल वे तेजी से निर्णय लेते हैं, बल्कि रियल एस्टेट क्षेत्र में उनका भरोसा भी मजबूत होता है, जो समग्र रूप से मांग को बढ़ावा देता है।’
भाषा
अनुराग रमण
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