मुंबई, 14 अगस्त (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) कर्जदाताओं को जरूरी डिजिटल सूचना के निर्बाध प्रवाह से कर्ज वितरण आसान बनाने के लिए अपने ‘सार्वजनिक प्रौद्योगिकी मंच’ की 17 अगस्त को पायलट स्तर पर शुरुआत करेगा।
आरबीआई ने सोमवार को बयान में कहा कि पायलट परियोजना के दौरान इस प्रौद्योगिकी मंच पर उपलब्ध बैंक 1.6 लाख रुपये के किसान क्रेडिट कार्ड कर्ज, दुग्ध उत्पादकों को कर्ज, किसी जमानत के बगैर एमएसएमई उद्यमों को कर्ज, व्यक्तिगत ऋण और आवासीय ऋण देने का काम कर सकेंगे।
इस मंच के जरिये आधार के जरिये इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी करने, राज्य सरकारों के भूमि रिकॉर्ड, पैन की वैधता, आधार ई-हस्ताक्षर और आवास एवं संपत्ति की तलाश के आंकड़ों को जोड़ने का काम किया जा सकेगा।
आरबीआई ने कहा कि 17 अगस्त को इस मंच को पायलट स्तर पर शुरू किया जाएगा और इस दौरान हासिल अनुभवों के आधार पर अधिक उत्पादों, सूचना प्रदाताओं एवं कर्जदाताओं को भी दायरे में लाया जाएगा।
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गत बृहस्पतिवार को कहा था कि रिजर्व बैंक नवोन्मेष केंद्र (आरबीआईएच) सुलभ कर्ज उपलब्ध कराने के लिये यह ‘सार्वजनिक प्रौद्योगिकी मंच’ तैयार कर रहा है।
आरबीआई ने बयान में कहा, ‘यह डिजिटल मंच एक मुक्त संरचना, मुक्त ‘एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस’ (एपीआई) और मानकों से लैस होगा जिससे वित्तीय क्षेत्र की सभी इकाइयां ‘प्लग एंड प्ले’ मॉडल पर निर्बाध रूप से जुड़ सकेंगी।’’
एपीआई एक सॉफ्टवेयर है जो दो एप्लिकेशन को एक दूसरे से संपर्क स्थापित करने की अनुमति देता है। एपीआई इकाई के भीतर और विभिन्न इकाइयों के बीच आंकड़े प्राप्त करने और साझा करने का एक सुलभ तरीका है।
इस पहल से वंचित क्षेत्रों में ऋण की पहुंच में तेजी आएगी और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
भाषा
प्रेम अजय
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