नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को 2,000 रुपये के नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी.
जिसके बाद सोमवार को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि “मैं स्पष्ट करता हूं कि यह रिजर्व बैंक के मुद्रा प्रबंधन संचालन का एक हिस्सा है. समय-समय पर आरबीआई नोटों को वापस लेता है और नए नोट जारी करता है. हम 2000 रुपये के नोटों को चलन से वापस ले रहे हैं.”
उन्होंने आगे कहा, 4 महीने का समय दिया गया है कोई जल्दबाजी की जरूरत नहीं है इसलिए आप आराम से बैंक जाए और 2000 रुपए बदले. चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बयान जारी कर कहा, आम जनता को काउंटर पर 2000 रुपये के नोट बदलने की सुविधा सामान्य तरीके से प्रदान की जाएगी, जैसा कि पहले प्रदान की जा रही थी.
23 मई से किसी भी बैंक में एक समय में 2000 रुपये के नोटों को अन्य मूल्यवर्ग के बैंकनोटों में बदलने की सीमा 20,000 रुपये तक की जा सकती है.
The facility of exchange of Rs 2000 banknotes across the counter shall be provided to the public in the usual manner, that is, as was being provided earlier: Reserve Bank of India (RBI)
Exchange of the Rs 2000 banknotes into banknotes of other denominations can be made upto a… pic.twitter.com/HpbqEpiwie
— ANI (@ANI) May 22, 2023
गवर्नर ने आगे कहा कि, “दो हजार रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने का फैसला क्लीन नोट पॉलिसी के तहत लिया गया है.” उन्होंने यह भी कहा कि दो हजार रुपये के नोट बदलने की पूरी तैयारी की गई है.
गवर्नर ने कहा कि, “दो हजार के नोटों को छापने का फैसला 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने के दौरान करेंसी की कमी को पूरा करने के लिए लिया गया था. यह मकसद अब पूरा हो चुका है. आज अन्य मूल्यवर्ग के पर्याप्त नोट प्रचलन में हैं. यहां तक कि 2000 रुपये के नोटों का प्रचलन भी, जैसा कि हमने बताया है, 6 लाख 73 हजार करोड़ के अपने उच्चतम स्तर से घटकर लगभग 3 लाख 62,हजार करोड़ रुपये हो गया है. अब इसकी छपाई भी बंद कर दी गई है. 2000 के नोटों ने अपना जीवन चक्र पूरा कर लिया है.”
दास ने आगे कहा, “हम नोट बदलने में आने वाली मुश्किलों को लगातार मॉनिटर कर रहे हैं 23 मई से किसी भी बैंक में एक समय में 2000 रुपये के नोटों को अन्य मूल्यवर्ग के बैंकनोटों में बदलने की सीमा 20,000 रुपये तक होगी”.
उन्होंने बताया, 2000 के नोट को बदलने को लेकर अफरा-तफरी न मचाएं. RBI गवर्नर शक्ति कांत ने कहा, 50 हजार से ज्यादा 2000 के नोट बदलने पर मांगेंगे प्रूफ.
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंरबम ने 2016 में 2,000 रुपए के नोट का चलन शुरू करने के कदम को ‘‘मूर्खतापूर्ण’’ करार देते हुए सोमवार को दावा किया कि इस मुद्रा ने केवल उन लोगों के लिए धन जमा करना आसान बना दिया, जो काला धन रखते हैं.
चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘‘बैंकों ने स्पष्ट कर दिया है कि 2,000 रुपए के नोट बदलने के लिए कोई पहचान पत्र देने, किसी प्रपत्र को भरने या कोई साक्ष्य जमा कराने की आवश्यकता नहीं होगी. काले धन का पता लगाने के लिए 2,000 रुपये के नोट चलन से बाहर करने का भाजपा का दावा बेकार हो गया है.’’
चिदंबरम ने 2,000 रुपए के नोट चलन से बाहर करने को लेकर शुक्रवार को भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा था और कहा था कि उन्हें हैरानी नहीं होगी कि यदि 1,000 रुपये का नोट फिर से जारी हो जाए.
उन्होंने कहा था, ‘‘500 और 1,000 रुपये के नोट को बंद करने के मूर्खतापूर्ण फैसले को ढंकने के लिए 2,000 रुपये का नोट ‘बैंड-एड’ की तरह था. नोटबंदी के कुछ सप्ताह के बाद सरकार/आरबीआई को 500 रुपये के नोट फिर से जारी करना पड़ा. मुझे हैरानी नहीं होगी, अगर सरकार 1,000 रुपये का नोट फिर से जारी कर दे.’’
गौरतलब है कि शुक्रवार को आरबीआई ने कहा था इस मूल्य के नोट बैंकों में जाकर 30 सितंबर तक जमा किए जा सकेंगे या बदले जा सकेंगे. आरबीआई ने कहा था कि अभी चलन में मौजूद 2,000 रुपये के नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा बने रहेंगे. इसके साथ ही आरबीआई ने बैंकों से 2,000 रुपये का नोट देने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने को कहा था.
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