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Tuesday, 30 September, 2025
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आरबीआई ने बैंकों में नकदी प्रबंधन का संशोधित ढांचा जारी किया

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मुंबई, 30 सितंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को कहा कि मौद्रिक नीति के परिचालन लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए ‘एकदिवसीय भारित औसत कॉल दर’ (डब्ल्यूएसीआर) का इस्तेमाल आगे भी जारी रखा जाएगा। यह फैसला केंद्रीय बैंक की संशोधित नकदी प्रबंधन ढांचे के तहत लिया गया है।

डब्ल्यूएसीआर वह औसत ब्याज दर है, जिस पर बैंक अंतर बैंक कॉल मनी मार्केट में एक-दूसरे से बहुत कम समय के लिए, विशेष रूप से एक दिन के लिए राशि को उधार लेते या देते हैं। कई बार बैंक मुख्यतः दैनिक नकदी का प्रबंधन करने और नियामक मानदंडों को पूरा करने के लिए बहुत कम समय के लिए राशि उधार लेते हैं।

आरबीआई के संशोधित नकदी प्रबंधन ढांचे के अनुसार, एक दिन के लिए भारित औसत कॉल दर मौद्रिक नीति का परिचालन लक्ष्य बना रहेगा।

बैंक अपनी रोजमर्रा की नकदी जरूरतों को पूरा करने और नियामकीय मानकों पर खरे उतरने के लिए कई बार बहुत छोटी अवधि के लिए पैसे उधार लेते हैं। उसके लिए इस ब्याज दर का इस्तेमाल होता है।

संशोधित नकदी प्रबंधन ढांचे के तहत आरबीआई एक दिन वाले दूसरे नकदी बाजार खंडों पर भी नजर रखेगा, ताकि बाजार दरों में व्यवस्थित विकास और नकदी का सहज प्रसार सुनिश्चित हो सके।

इस ढांचे के तहत मौजूदा सिमेट्रिक कॉरिडोर प्रणाली बरकरार रहेगी, जिसमें रेपो दर इस कॉरिडोर के बीच में होगी, जबकि स्थायी जमा सुविधा (एसडीएफ) और सीमांत स्थायी सुविधा (एमएसएफ) रेपो दर से 0.25 प्रतिशत अंक ऊपर और नीचे होंगी।

केंद्रीय बैंक ने अपने परिपत्र में कहा कि अल्पकालिक नकदी प्रबंधन के मुख्य साधन के रूप में 14-दिन तक के लिए परिवर्तनीय रेपो दर (वीआरआर)/ परिवर्तनीय रिवर्स रेपो दर (वीआरआरआर) का संचालन बंद कर दिया जाएगा।

इसके स्थान पर सात-दिन के वीआरआर/वीआरआरआर और एक दिन से लेकर 14 दिन तक के अन्य वीआरआर/वीआरआरआर संचालन किए जाएंगे, जो आरबीआई की प्रणालीगत नकदी के आकलन पर निर्भर होंगे।

यह संशोधित ढांचा आरबीआई के आंतरिक कार्य समूह की सिफारिशों और अगस्त में जारी रिपोर्ट पर मिली टिप्पणियों के आधार पर तैयार किया गया है।

आरबीआई ने कहा है कि रेपो/रिवर्स रेपो संचालन की अवधि, राशि और समय को लेकर बाजार में अनिश्चितता कम करने के लिए वह बाजार प्रतिभागियों को कम से कम एक दिन पहले इसकी पूर्व-सूचना देगा।

लेकिन त्वरित कार्रवाई की मांग वाली परिस्थिति आने पर आरबीआई उसी दिन सूचना देकर भी संचालन कर सकता है।

इसके साथ खुले बाजार संचालन, लंबी अवधि के वीआरआर/वीआरआरआर और विदेशी मुद्रा अदलाबदली नीलामी जैसे नकदी प्रबंधन के मौजूदा साधन भी जारी रहेंगे।

आरबीआई ने कहा कि प्रतिदिन न्यूनतम 90 प्रतिशत नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) बनाए रखने की आवश्यकता भी बनी रहेगी।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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