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Tuesday, 24 December, 2024
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एमएसएमई, संपर्क-सघन क्षेत्रों के लिए आरबीआई के उपाय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छे संकेत: विशेषज्ञ

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नयी दिल्ली, 10 फरवरी (भाषा) कोविड-19 महामारी के बीच रेपो दर को अपरिवर्तित रखने के भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के बृहस्पतिवार के निर्णय पर वित्तीय क्षेत्र के विशेषज्ञों ने कहा कि यह निर्णय अर्थव्यवस्था में वृद्धि का समर्थन करने में रिज़र्व बैंक की प्राथमिकता को दर्शाता है।

विशेषज्ञों ने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई), संपर्क-बहुल क्षेत्रों और डिजिटल लेनदेन के लिए किए गए अतिरिक्त उपाय समग्र आर्थिक स्वास्थ्य के लिए अच्छे संकेत हैं।

आरबीआई की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने लगातार 10वीं बार रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया है और रिवर्स रेपो दर को 3.35 प्रतिशत पर यथावत रखा है।

मुथूट फाइनेंस के प्रबंध निदेशक जॉर्ज अलेक्जेंडर मुथूट ने कहा, ‘हम वर्ष 2022 में व्यापक रूप से आधारित आर्थिक पुनरुद्धार के बारे में आशान्वित और आशावादी हैं।’

उन्होंने कहा, ‘आरबीआई और सरकार महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बाद टिकाऊ आधार पर वृद्धि को पुनर्जीवित करने और बनाए रखने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। हम एमएसएमई के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे को सक्षम करने के आरबीआई के रुख का स्वागत करते हैं।’

आईआईएफएल सिक्योरिटीज (खुदरा) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी संदीप भारद्वाज ने कहा कि उदार मौद्रिक रुख जारी रखने का मतलब है कि आरबीआई और सरकार अभी भी आर्थिक सुधार को प्राथमिकता देना चाहते हैं।

भुगतान और वित्तीय प्रौद्योगिकी समाधान कंपनी यूरोनेट वर्ल्डवाइड के भारत और दक्षिण एशिया में प्रबंध निदेशक प्रणय झावेरी ने कहा कि आरबीआई के ई-रूपी की सीमा को एक लाख रुपये तक बढ़ाने के फैसले से प्रत्यक्ष लाभ अंतरण में तेजी आएगी।

रिजर्व बैंक ने ई-रूपी प्रीपेड डिजिटल वाउचर की सीमा को 10,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया। साथ ही लाभार्थियों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के डिजिटल वितरण की सुविधा के लिए इसके कई बार उपयोग की अनुमति भी दे दी।

वही आरएक्सआईएक (ट्रेड्स मंच) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक केतन गायकवाड़ ने कहा, ‘बढ़ी हुई सीमा से एमएसएमई को वित्तपोषण में मदद मिलेगी क्योंकि इससे तीन करोड़ रुपये की संशोधित सीमा को देखते हुए कम चालान जमा करना आसान हो जाएगा।’

इसके अलावा टाटा कैपिटल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी राजीव सभरवाल ने कहा कि रेपो दर पर यथास्थिति अर्थव्यवस्था में विकास की गति को तेज करेगी और यह निरंतर विकास गतिविधि का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है।

एंड्रोमेडा और अपनापैसा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वी स्वामीनाथन ने कहा, ‘दरों को अपरिवर्तित रखना इसका संकेत है कि विकास को अन्य सभी क्षेत्रों पर भी प्राथमिकता दी जा रही है। यह देखा जाना बाकी है कि अगली तिमाही में क्या होता है।’

भाषा जतिन

प्रेम

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यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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