मुंबई, सात अप्रैल (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को कहा कि मौजूदा बैंक लगातार खुली रहने वाली डिजिटल बैंकिंग इकाइयां खोल सकते हैं।
ये इकाइयां दो तरह की होंगी- जहां पहले में ग्राहक खुद सभी सेवाएं लेंगे, वहीं दूसरे में उन्हें इसके लिए सहायता दी जा सकती है।
सरकार ने आम बजट में देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 75 जिलों में कम से कम 75 ऐसी इकाइयां स्थापित करने की घोषणा की थी।
डिजिटल बैंकिंग इकाइयों (डीबीयू) की स्थापना पर आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार इन इकाइयों में मिलने वाली सेवाओं में खाते खोलना, नकद निकासी और जमा, केवाईसी अद्यतन, ऋण और शिकायत पंजीकरण शामिल हैं।
दिशानिर्देशों में कहा गया कि डिजिटल बैंकिंग उत्पादों और सेवाओं का अर्थ आमतौर पर उन वित्तीय उत्पादों तथा सेवाओं से होता है, जो लगभग पूरी तरह से डिजिटल रूप में होती हैं, जहां ग्राहक उत्पाद या सेवाएं खुद हासिल करते हैं।
दिशानिर्देशों के मुताबिक डिजिटल बैंकिंग में अनुभव रखने वाले अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को आरबीआई से अनुमति लिए बिना टियर-1 से टियर-6 केंद्रों (बड़े केंद्रों से लेकर छोटे केंद्रों) में डिजिटल बैंकिंग इकाइयां खोलने की अनुमति है।
भाषा पाण्डेय रमण
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