नई दिल्ली: बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी प्रमुख ब्याज दर में 50 बेसिस पॉइंट की बढ़ोतरी करते हुए रेपो रेट को 4.9 प्रतिशत कर दिया है.
साथ ही आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने मुद्रास्फीति अनुमान को बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया जो कि इसके लक्ष्य सीमा 2-6 प्रतिशत से काफी ऊपर है.
वहीं, वित्त वर्ष 2013 के लिए जीडीपी का अनुमान 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा.
बुधवार को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने घोषणा की कि स्टैंडिग डिपोजिट फैसिलिटी (SDF रेट) को 4.65% और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी (MSF रेट) और बैंक रेट को 5.15% तक एडजस्ट किया गया है.
दास ने कहा, ’31 मई को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी प्रोविजनल अनुमानों के अनुसार, 2021-22 में भारत की GDP ग्रोथ 8.7% रहने का अनुमान है. 2021-22 में रियल GDP का स्तर महामारी से पहले यानी 2019-20 के स्तर से अधिक हुआ है.’
उन्होंने अपनी घोषणा के दैरान कहा कि 2022 में सामान्य मानसून और भारत में कच्चे तेल की औसत कीमत 105 डॉलर प्रति बैरल के मुताबिक, अब 2022-23 में मुद्रास्फीति 6.7% होने का अनुमान है.
गवर्नर ने जानकारी दी कि घर की कीमतों में हुई वृद्धि को ध्यान में रखते शहरी सहकारी बैंकों और ग्रामीण सहकारी बैंकों द्वारा 2011 और 2009 में फिक्स किए गए इंडिविजुअल होम लोन की सीमा को 100% से संशोधित किया जा रहा है.
वहीं, उन्होंने कहा कि फिलहाल लोग यूपीआई से अपने बचत और चालू खाते से अपने डेबिट कार्ड के माध्यम से लेन-देन कर सकते हैं. यह प्रस्तावित हुआ है कि लोग अपने ‘RuPay’ क्रेडिट कार्ड से भी यूपीआई के माध्यम से लेन-देन कर सकेंगे. शुरूआत में ‘RuPay’ क्रेडिट कार्ड यूपीआई प्लेटफॉर्म पर जुड़ सकेंगे.
केंद्रीय बैंक ने कहा है कि शहरी मांग में सुधार देखने को मिला है जबकि ग्रामीण मांग की स्थिति भी धीरे-धीरे बेहतर हो रही है, जिसके मद्देनजर उसने वृद्धि दर के अनुमान में बदलाव नहीं किया है.
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा पेश करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है और केंद्रीय बैंक वृद्धि को समर्थन देता रहेगा.
रिजर्व बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष की पहली अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 16.2 प्रतिशत रहेगी. यह चौथी जनवरी-मार्च की तिमाही में घटकर चार प्रतिशत पर आ जाएगी. हालांकि, गवर्नर ने आगाह किया कि रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से वृद्धि के मोर्चे पर जोखिम है.
इससे पहले रिजर्व बैंक ने अप्रैल में चालू वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.2 प्रतिशत कर दिया था. इससे पहले केंद्रीय बैंक ने 2022-23 में वृद्धि दर 7.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था.
विश्वबैंक ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है. बढ़ती मुद्रास्फीति, आपूर्ति श्रृंखला की दिक्कतों और भू-राजनीतिक तनाव के मद्देनजर भारत के वृद्धि दर के अनुमान को घटाया गया है.
भाषा के इनपुट से
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