मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को कोविड-19 संकट के प्रभाव को कम करने के लिए प्रमुख उधारी दर को 0.40 प्रतिशत घटा दिया. कोविड-19 के मद्देनजर कर्ज अदायगी के लिए ऋण स्थगन को 3 महीनों के लिए बढ़ायाे है.
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की अचानक हुई बैठक में वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए रेपो दर में कटौती का निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया.
इस कटौती के बाद रेपो दर घटकर चार प्रतिशत हो गई है, जबकि रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत हो गई है.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली एमपीसी ने पिछली बार 27 मार्च को रेपो दर (जिस दर पर केंद्रीय बैंक बैंकों को उधार देता है) में 0.75 प्रतिशत की कमी करते हुए इसे 4.14 प्रतिशत कर दिया था.
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की अग्रिम बैठक: नीतिगत रेपो दर में 0.40 प्रतिशत की कटौती, गवर्नर ने कहा.
आरबीआई ने रिवर्स रेपो दर को घटाकर 3.35% किया: गवर्नर शक्तिकांत दास.
आरबीआई के गवर्नर ने बताया कि छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने ब्याज दर में 0.40 प्रतिशत कटौती के पक्ष में 5:1 से मतदान किया.
आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि भारत में मांग घट रही है, बिजली, पेट्रोलियम उत्पाद की खपत में गिरावट, निजी खपत में गिरावट हुई है.
उन्होंने कहा कि कोविड-19 के प्रकोप के कारण निजी उपभोग को सबसे ज्यादा झटका लगा है, निवेश की मांग रुक गई है.
आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि कोविड-19 के प्रकोप के बीच आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती के कारण सरकार का राजस्व बुरी तरह प्रभावित हुआ है.
दास ने कहा कि मुद्रास्फीति की स्थिति बेहद अनिश्चित, दालों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी चिंताजनक, आयात शुल्क की समीक्षा की जरूरत है.
शक्तिकांत दास ने कहा कि मुख्य मु्द्रास्फीति की दर पहली छमाही में तेज रह सकती है, दूसरी छमाही में इसमें नरमी आएगी, वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी/ चौथी तिमाही में ये चार प्रतिशत से नीचे रह सकती है.
वित्त वर्ष 2020-21 में जीडीपी की वृद्धि नकारात्मक रहेगी.
गवर्नर दास ने कहा कि सिडबी को 90 दिनों के लिए 15,000 करोड़ रुपये की पुनर्वित्त सुविधा देगा आरबीआई. निर्यात ऋण अवधि को एक साल से बढ़ाकर 15 महीने किया है.
उन्होंने बताया कि आरबीआई ने एक्जिम बैंक को 15,000 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा दी है.