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लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ कर ढांचे को युक्तिसंगत बनाने पर विचार

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नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) वित्त मंत्रालय दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर ढांचे को युक्तिसंगत बनाने पर विचार कर रहा है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि इसके लिए समान परिसंपत्ति वर्गों के बीच समानता लाने और सूचकांक लाभ की गणना के लिए आधार वर्ष में संशोधन करने की तैयारी है।

इस समय एक वर्ष से अधिक समय के लिए रखे गए शेयरों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत कर लगता है।

अचल संपत्ति और दो साल से अधिक समय के लिए रखे गए असूचीबद्ध शेयरों और तीन साल से अधिक के लिए रखे गए ऋण उपकरणों और आभूषणों की बिक्री पर 20 प्रतिशत दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर लगता है।

राजस्व विभाग अब लंबी अवधि के पूंजीगत लाभ की गणना के लिए कर दरों के साथ ही इन्हें रखे जाने की अवधि को युक्तिसंगत बनाने पर विचार कर रहा है। इसकी घोषणा एक फरवरी को संसद में पेश किए जाने वाले आम बजट 2023-24 में होने की संभावना है।

अधिकारी ने कहा कि मुद्रास्फीति समायोजित पूंजीगत लाभ की गणना के लिए आधार वर्ष में बदलाव पर भी विचार किया जा रहा है।

पूंजीगत लाभ कर की गणना के लिए सूचकांक वर्ष को अधिक प्रासंगिक बनाने के लिए समय-समय पर संशोधित किया जाता है। पिछला संशोधन 2017 में हुआ था, जब आधार वर्ष 2001 को बनाया गया था।

अधिकारी ने कहा, ”सरकार की कोशिश है कि पूंजीगत लाभ कर ढांचे को सरल और करदाता के अनुकूल बनाया जाए और अनुपालन बोझ कम हो। कर दरों में समानता लाने की भी गुंजाइश है।”

भाषा पाण्डेय रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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