नयी दिल्ली, 22 फरवरी (भाषा) विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच दिल्ली बाजार में मंगलवार को लगभग सभी तेल तिलहनों के भाव में सुधार आया। दूसरी ओर सरसों के नये फसल की मंडियों में आवक बढ़ने से सरसों तेल तिलहन के भाव भारी गिरावट के साथ बंद हुए।
बाजार सूत्रों ने बताया कि शिकॉगो एक्सचेंज में लगभग दो प्रतिशत की तेजी थी जबकि मलेशिया एक्सचेंज में लगभग 2.5 प्रतिशत की तेजी है। विदेशी बाजारों की इस तेजी का असर घरेलू तेल तिलहन कीमतों पर दिखा।
सूत्रों ने कहा कि विदेशी बाजारों में तेजी के बावजूद मंडियों में सरसों के नये फसल की आवक बढ़ने से सरसों तेल तिलहन के भाव में गिरावट देखी गई। सोयाबीन जैसे तेलों से सरसों का दाम कम हो गया है जिससे आगे जाकर सरसों तेल में और गिरावट आने की संभावना है।
सूत्रों ने कहा कि सरकार को आयात पर निर्भरता कम करने के लिए तिलहन उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित करना होगा। आयातित तेलों के दाम महंगे हुए हैं। आयातित तेलों के भाव ऊंचा रहने से सरसों की पेराई अधिक होगी। बाजार में सरसों दो तीन महीने ही रहेगा और ऐसे में सहकारी संस्था- हाफेड और नेफेड को सरसों न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मिलना मुश्किल है, इसलिए उन्हें बाजार भाव से ही सही, सरसों की खरीद कर सरसों का पर्याप्त स्टॉक बना लेना चाहिये जो संकट की स्थिति में हमारी मदद करेगा।
सहकारी संस्था हाफेड को अपनी पेराई मिलों के लिए भी सरसों की खरीद करनी चाहिये।
सूत्रों ने कहा कि 80 और 90 के दशक में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से गरीब लोगों की मदद के लिए खाद्य तेल मिला करते थे। सरकार को खाद्य तेलों की महंगाई से गरीबों को बचाने के लिए आयात शुल्क घटाने बढ़ाने के चक्र से निकलकर पीडीएस के माध्यम से सस्ते दामों पर खाद्य तेलों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के बारे में गौर करना चाहिये क्योंकि शुल्क की घट बढ़ से किसानों में अपनी फसल को लेकर अनिश्चितता का भाव पैदा होता है और उन्हें तिलहन उत्पादन बढ़ाने की प्रेरणा नहीं मिल पाती। सूत्रों ने कहा कि शुल्क की घट बढ़ करने का रास्ता तेल तिलहन के मामले में आत्मनिर्भरता हासिल करने की राह में सबसे बड़ा रोड़ा है।
बाकी तेल तिलहनों के भाव अपरिवर्तित रहे।
बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)
सरसों तिलहन – 7,725-7,750 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।
मूंगफली – 6,275 – 6,370 रुपये।
मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 14,000 रुपये।
मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,285 – 2,470 रुपये प्रति टिन।
सरसों तेल दादरी- 15,100 रुपये प्रति क्विंटल।
सरसों पक्की घानी- 2,225-2,270 रुपये प्रति टिन।
सरसों कच्ची घानी- 2,425-2,520 रुपये प्रति टिन।
तिल तेल मिल डिलिवरी – 16,700-18,200 रुपये।
सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 15,200 रुपये।
सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 15,000 रुपये।
सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 13,800।
सीपीओ एक्स-कांडला- 12,700 रुपये।
बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 13,650 रुपये।
पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 14,400 रुपये।
पामोलिन एक्स- कांडला- 13,200 रुपये (बिना जीएसटी के)।
सोयाबीन दाना 7,100-7,150 रुपये।
सोयाबीन लूज 6850-7015 रुपये।
मक्का खल (सरिस्का) 4,000 रुपये।
भाषा राजेश राजेश रमण
रमण
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