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Sunday, 22 December, 2024
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रेलवे ने बहुपक्षीय, हरित वित्तपोषण को बढ़ावा देने के लिए एक्रुअल लेखांकन को अपनाया: आईसीएआई

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कोलकाता, 22 दिसंबर (भाषा) भारतीय रेलवे ने सफलतापूर्वक ‘एक्रुअल’ आधारित लेखांकन प्रणाली को अपनाया है। इस कदम से वित्तीय पारदर्शिता बढ़ने और बहुपक्षीय एजेंसियों तथा हरित वित्तपोषण से संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी।

भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान(आईसीएआई) के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।

एक्रुअल आधारित लेखांकन में आय और व्यय को उसी समय दर्ज किया जाता है, जब वे किए जाते हैं, भले ही नकद भुगतान या प्राप्ति बाद में हो।

वित्त वर्ष 2023-24 के लिए वास्तविक समय में भारतीय रेलवे के सभी 26 क्षेत्रों में एक्रुअल लेखांकन लागू है।

आईसीएआई के अध्यक्ष रंजीत कुमार अग्रवाल ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘बेहतर बजट प्रबंधन के अलावा, एक्रुअल लेखांकन को अपनाने से विश्व बैंक जैसी बहुपक्षीय एजेंसियों से धन जुटाना आसान हो जाएगा और बेहतर लेखांकन व्यवहार के साथ हरित वित्तपोषण को बढ़ावा मिलेगा।’’

अग्रवाल ने कहा कि यह कदम भारतीय रेलवे को विकसित अर्थव्यवस्थाओं की सरकारी संस्थाओं के बराबर लेखा मानक पर रखता है, जो पहले ही नकदी आधारित लेखांकन से हटकर इसे अपना चुके हैं।

उन्होंने कहा कि इस कदम से दूसरे सरकारी संस्थान भी एक्रुअल लेखांकन को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे।

आईसीएआई और इसके लेखा अनुसंधान फाउंडेशन (आईसीएआई एआरएफ) ने इन सुधारों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

भारतीय रेलवे में मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (लेखा सुधार) निरुपमा कुमार ने एक बयान में कहा, ‘‘पहली बार, 2022-23 के लिए एक्रुअल आधारित वित्तीय विवरणों में पर्यावरणीय स्थिरता पहल को दर्शाया गया है।’’

उन्होंने इसके लिए आईसीएआई एआरएफ के योगदान की सराहना की और इसे भारत सरकार के इतिहास में एक मील का पत्थर बताया।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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