नयी दिल्ली, 13 मार्च (भाषा) वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों से सोने के आभूषणों के एवज में दिये गये कर्ज की स्थिति की समीक्षा करने को कहा है। कई मामलों में नियमों का अनुपालन नहीं होने की बात सरकार के सामने आने के बाद यह कदम उठाया गया है।
वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रमुखों को लिखे एक पत्र में उनसे स्वर्ण कर्ज से संबंधित अपनी प्रणाली और प्रक्रियाओं पर गौर करने को कहा है।
वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमने बैंकों से स्वर्ण ऋण कारोबार की व्यापक समीक्षा करने को कहा है।’’
इस संबंध में एक निर्देश पिछले महीने जारी किया गया था। उसमें उन्हें शुल्क और ब्याज के संग्रह और स्वर्ण ऋण खातों को बंद करने से संबंधित विसंगतियों को दुरुस्त करने की सलाह दी गई थी।
पत्र में विभिन्न चिंताओं को उजागर किया गया है। इसमें जरूरी स्वर्ण गारंटी के बिना स्वर्ण कर्ज का वितरण, शुल्क संग्रह और नकद में भुगतान को लेकर विसंगतियां शामिल हैं।
डीएफएस ने बैंकों से एक जनवरी, 2022 से 31 जनवरी, 2024 तक पिछले दो साल की अवधि की गहन समीक्षा करने का आग्रह किया। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सभी स्वर्ण ऋण बैंकों की नियामकीय आवश्यकताओं और आंतरिक नीतियों के अनुरूप दिये गये हों।
उल्लेखनीय है कि सोने की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। पिछले एक महीने में 10 ग्राम सोने की कीमत 63,365 रुपये से बढ़कर 67,605 रुपये हो गई है।
पत्र के अनुसार, विभाग के समक्ष स्वर्ण कर्ज के संबंध में नियमों का अनुपालन नहीं होने के मामले सामने आए हैं। उसके बाद सलाह जारी की गई है।
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अकेले दिसंबर, 2023 तक 30,881 करोड़ रुपये का स्वर्ण कर्ज दे रखा है।
तीसरी तिमाही के अंत में पंजाब नेशनल बैंक का स्वर्ण ऋण 5,315 करोड़ रुपये था जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा का स्वर्ण कर्ज 3,682 करोड़ रुपये था।
आरबीआई के नियमों के मुताबिक बैंक या स्वर्ण ऋण देने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां आभूषण के मूल्य का केवल 75 प्रतिशत ही कर्ज दे सकती हैं। हालांकि, कठिनाई को कम करने के लिए कोविड-19 के दौरान इसमें छूट प्रदान की गई थी।
आरबीआई ने गैर-कृषि उद्देश्यों के लिए सोने के आभूषणों को गिरवी रखकर बैंकों से कर्ज लेने की सीमा (मूल्य पर ऋण-एलटीवी) को अगस्त 2020 में 75 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर दिया था। यह छूट 31 मार्च, 2021 तक उपलब्ध थी।
भाषा रमण अजय
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