नयी दिल्ली, सात अप्रैल (भाषा) सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्य और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (पीएसयू) को ऐसी कोयला खदानें वापस करने के लिए एकमुश्त खिड़की देने की मंजूरी दी, जो तकनीकी कारणों से चालू नहीं हो सकी हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने यह फैसला किया।
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि ऐसे बिना परिचालन वाले कोयला ब्लॉक वापस करने वाले राज्य और केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ कोयला ब्लॉक, जो 2015 और 2019 के बीच राज्य और केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों को आवंटित किए गए थे, उनका संचालन शुरू नहीं हो सका था, और पीएसयू उन्हें जुर्माने के प्रावधान के कारण सरकार को वापस करने में असमर्थ थे। इसलिए उन्हें एकमुश्त खिड़की के जरिए वापस करने के लिए समय दिया गया है और उनसे कोई जुर्माना नहीं लिया जाएगा।’’
सूत्रों ने कहा कि ऐसी कुल 45 कोयला खदानों में से 13-15 ब्लॉकों को वापस किए जाने का अनुमान है, जिन्हें नीलामी के अगले दौर में बिक्री के लिए रखा जाएगा।
भाषा पाण्डेय
पाण्डेय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.