नयी दिल्ली, 12 जनवरी (भाषा) कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 (ईपीएस-95) के तहत पेंशन पाने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने शुक्रवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के देश भर में फैले 110 कार्यालयों पर प्रदर्शन किया।
पेंशनभोगी ईपीएफओ से महंगाई भत्ते के साथ न्यूनतम 7,500 रुपये की मासिक पेंशन देने की मांग कर रहे हैं।
फिलहाल ईपीएस-95 योजना के तहत न्यूनतम मासिक पेंशन 1,000 रुपये है। ईपीएफओ एक सितंबर, 2014 से पात्र पेंशनभोगियों को इसका भुगतान कर रहा है।
ईपीएस-95 योजना का संचालन कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) करता है। देश भर में करीब 78 लाख पेंशनभोगी ईपीएस-95 योजना के दायरे में हैं।
न्यूनतम मासिक बढ़ाने की मांग को लेकर ‘ईपीएस-95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति’ के तत्वावधान में पेंशनभोगियों ने देश भर में 110 ईपीएफओ कार्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने ‘न्यूनतम पेंशन बढ़ाने के बारे में मंत्रालय और ईपीएफओ की उदासीनता’ के विरोध में केंद्रीय श्रम मंत्री को ज्ञापन भी सौंपा।
एक बयान के मुताबिक, दिल्ली के भीकाजी कामा प्लेस स्थित ईपीएफओ कार्यालय पर आंदोलन समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमांडर अशोक राउत और राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र सिंह राजावत के नेतृत्व में प्रदर्शन हुआ।
राउत ने कहा कि पिछले छह वर्षों से पेंशनभोगी न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 7,500 रुपये प्रति माह करने और महंगाई भत्ता देने, पेंशनभोगी और उसके पति या पत्नी के लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधाओं की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
बयान में आरोप लगाया गया कि मंत्री इस संबंध में बार-बार आश्वासन दे रहे हैं और प्रधानमंत्री भी दो बार आश्वासन दे चुके हैं लेकिन अभी तक कोई घोषणा नहीं की गई है। श्रम मंत्री बार-बार आश्वासन देते हैं लेकिन ईपीएफओ इसमें दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है।
बयान के मुताबिक, हाल ही में श्रम मंत्री का आश्वासन मिलने पर जंतर-मंतर पर अनशन रोक दिया गया था लेकिन अब पेंशनभोगियों के सब्र का बांध अब टूट रहा है।
इसमें कहा गया, ‘मोदी जी अपनी गारंटी पूरी करें और मानवता के आधार पर पुराने पेंशनभोगियों की मांगों को तुरंत पूरा करें। ऐसा न होने पर 30 जनवरी से फिर से क्रमिक उपवास शुरू किया जाएगा और मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा।’’
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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