नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) ऐसे ऋण म्यूचुअल फंड जो इक्विटी में अपनी संपत्ति का 35 फीसदी से कम निवेश करते हैं उन्हें लंबी अवधि के कर लाभ से वंचित किया जा सकता है। केंद्र सरकार वित्त विधेयक में इस प्रकार के संशोधन का प्रस्ताव ला सकती है।
इस प्रकार के म्यूचुअल फंड पर अल्पकालिक पूंजीगत लाभ कर लगेगा।
सूत्रों ने बताया कि सरकार संसद में वित्त विधेयक 2023 में एक संशोधन के रूप में इस तरह का प्रस्ताव दे सकती है।
वित्त विधेयक 2023 में एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए कर प्रस्ताव हैं। इसे मंजूरी के लिए शुक्रवार को लोकसभा में पेश किए जाने की संभावना है। संशोधनों को संसद की मंजूरी मिलने पर ऐसी म्यूचुअल फंड योजनाओं के धारक जो अपनी संपत्तियों का 35 फीसदी इक्विटी शेयरों में निवेश करते हैं उन पर उनकी स्लैब के मुताबिक कर लगेगा।
इन संशोधनों में, वित्त मंत्रालय इस प्रकार के म्यूचुअल फंड को अब तक मिलने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर (एलटीसीजी) को हटाने का प्रस्ताव कर सकता है।
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