नयी दिल्ली, सात मार्च (भाषा) प्याज के उत्पादन में 47 लाख टन की गिरावट के बावजूद भारत की बागवानी फसलों का उत्पादन वर्ष 2023-24 में 35 करोड़ 52.5 लाख टन पर स्थिर रहने का अनुमान है। सरकारी आंकड़ों में यह अनुमान लगाया गया है।
कृषि मंत्रालय ने वर्ष 2023-24 के लिए पहला अग्रिम अनुमान जारी करते हुए कहा कि देश में बागवानी उत्पादन पिछले वर्ष के 35 करोड़ 54.8 लाख टन के मुकाबले लगभग 35 करोड़ 52.5 लाख टन रहने का अनुमान है।
एक सरकारी बयान के अनुसार, बागवानी फसलों की खेती का रकबा पिछले वर्ष के दो करोड़ 84.4 लाख हेक्टेयर से मामूली बढ़कर वर्ष 2023-24 में दो करोड़ 87.7 लाख हेक्टेयर हो गया है।
आंकड़ों के अनुसार, फलों का उत्पादन वर्ष 2022-23 के 11 करोड़ 2.1 लाख टन से बढ़कर वर्ष 2023-24 में 11 करोड़ 20.8 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद है। यह वृद्धि मुख्य रूप से केला, मंदारिन और आम के उत्पादन में वृद्धि के कारण है।
वर्ष 2022-23 (अंतिम अनुमान) के अनुसार सब्जियों का उत्पादन 21 करोड़ 25.5 लाख टन से घटकर 20 करोड़ 93.9 लाख टन रहने का अनुमान है। पत्तागोभी, फूलगोभी, कद्दू, टैपिओका, टमाटर और अन्य सब्जियों के उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद है।
टमाटर का उत्पादन पिछले साल के 204.25 लाख टन की तुलना में बढ़कर 208.19 लाख टन होने की उम्मीद है।
बयान में कहा गया है कि महाराष्ट्र में 34.31 लाख टन, कर्नाटक में 9.95 लाख टन, आंध्र प्रदेश में 3.54 लाख टन और राजस्थान में 3.12 लाख टन की कमी के कारण वर्ष 2023-24 में प्याज का उत्पादन करीब 254.73 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल 302.08 लाख टन रहा था।
वर्ष 2023-24 में प्याज उत्पादन में पिछले साल की तुलना में 16 प्रतिशत की गिरावट आई है।
आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2021-22 में प्याज का उत्पादन 316.87 लाख टन का हुआ था।
घरेलू बाजार में कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र ने पहले ही प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
वर्ष 2023-24 में आलू का उत्पादन लगभग 589.94 लाख टन होने की उम्मीद है, जबकि पिछले वर्ष लगभग 601.42 लाख टन का उत्पादन हुआ था। इसका कारण पिछले वर्ष की तुलना में पश्चिम बंगाल में उत्पादन में आई कमी को माना जा रहा है।
कृषि विभाग ने राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों और अन्य सरकारी स्रोत एजेंसियों से प्राप्त जानकारी के आधार पर संकलित विभिन्न बागवानी फसलों के खेती के रकबे और उत्पादन के बारे में वर्ष 2022-23 का अंतिम अनुमान और 2023-24 के लिए पहले अग्रिम अनुमान जारी किए हैं।
भाषा राजेश राजेश अजय
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