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Saturday, 16 November, 2024
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एयर इंडिया का निजीकरण पूरा, 69 साल बाद फिर टाटा की हुई एयरलाइन

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नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) टाटा समूह ने बृहस्पतिवार को सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया का स्वामित्व हासिल कर लिया। गौरतलब है कि इस विमानन कंपनी को करीब 69 साल पहले मुंबई स्थित समूह से लेकर उसका राष्ट्रीयकरण किया गया था।

हस्तांतरण की प्रक्रिया यहां बृहस्पतिवार दोपहर में विमानन कंपनी के मुख्यालय में पूरी हुई।

टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि एयर इंडिया को वापस पाकर समूह उत्साहित है और इसे विश्वस्तर की विमानन कंपनी बनाने को पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।

निवेश और लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने ट्वीट किया, ‘‘एयर इंडिया का रणनीतिक विनिवेश लेनदेन आज सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ, जिसमें एयर इंडिया के 100 प्रतिशत शेयर और प्रबंधन नियंत्रण मेसर्स टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित किए गए।’’

उन्होंने कहा कि एयर इंडिया का प्रभार रणनीतिक साझेदार की अगुवाई वाले नए निदेशक मंडल ने ले लिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘अब नई मालिक टैलेस है।’’ टैलेस टाटा समूह की सहायक कंपनी है।

टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड ने आठ अक्टूबर, 2021 को कर्ज में डूबी एयर इंडिया के अधिग्रहण की बोली 18,000 करोड़ रुपये में जीत ली थी।

वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ एयर इंडिया का रणनीतिक विनिवेश लेनदेन आज पूरा हो गया है, जिसमें सरकार को रणनीतिक साझेदार (मैसर्स टैलेस प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी कंपनी) से 2,700 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। एयर इंडिया और एआईएक्सएल के 15,300 रुपये के कर्ज के दायित्व समेत एयर इंडिया के शेयर (एयर इंडिया और इसकी अनुषंगी एआईएक्सएल के 100 प्रतिशत शेयर और एआईएसएटीएस के 50 प्रतिशत शेयर) रणनीतिक भागीदार को स्थानांतरित किए गए हैं।’’

नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि एयर इंडिया नये स्वामित्व के अंतर्गत तेजी से आगे बढ़ेगी और एयरलाइन भारत में एक सफल तथा मजबूत विमानन क्षेत्र का मार्ग प्रशस्त करेगी।

एयरलाइन को टाटा संस को सौंपे जाने के बाद सिंधिया ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘वास्तव में यह महत्वपूर्ण है कि एयर इंडिया की विनिवेश प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से सफलतापूर्वक निष्कर्ष पर लाया गया है।’’

उन्होंने कहा कि यह केंद्र सरकार की काबिलियत और भविष्य में गैर-रणनीतिक क्षेत्रों में प्रभावी तरीके से विनिवेश को आगे बढ़ाने के संकल्प को बताता है।

मंत्री ने कहा, ‘‘नये मालिक को शुभकामनाएं। मुझे भरोसा है कि एयरलाइन नये स्वामित्व के अंतर्गत तेजी से आगे बढ़ेगी और एयरलाइन भारत में एक सफल तथा मजबूत विमानन क्षेत्र का मार्ग प्रशस्त करेगी।’’

चंद्रशेखरन ने कहा कि टाटा समूह एयर इंडिया को विश्वस्तरीय एयरलाइन बनाने को प्रतिबद्ध है। समूह के सरकारी एयरलाइन का स्वामित्व सरकार से हासिल करने के बाद उन्होंने यह बात कही।

उन्होंने यह भी कहा कि टाटा समूह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुधारों को लेकर प्रतिबद्धता और भारत की उद्यमिता की भावना पर भरोसे से पूरी तरह वाकिफ है। ‘ऐतिहासिक बदलाव’ इसी कारण से संभव हो पाया है।

चंद्रशेखरन ने बयान में कहा, ‘‘हम एयर इंडिया को टाटा समूह में वापस पाकर उत्साहित हैं और इसे वैश्विक स्तर की एयरलाइन बनाने को पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। मैं एयर इंडिया के सभी कर्मचारियों का हमारे समूह में पूरी गर्मजोशी के साथ स्वागत करता हूं और साथ मिलकर काम करने को उत्सुक हूं।’’

उन्होंने एयर इंडिया के कर्मचारियों को लिखे पत्र में कहा कि पूरे देश की नजर टाटा समूह और एयर इंडिया पर है। उन्होंने भरोसा जताया कि एयर इंडिया का स्वर्णिम युग आने वाला है।

एयर इंडिया के कर्मचारियों को भेजे संदेश में चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘मैंने यह सीखा है कि जो अतीत का सबसे अच्छा है, उसे संरक्षित रखा जाए और इसके लिये निरंतर बदलाव की आवश्यकता होती है। एक गौरवशाली इतिहास का सबसे अच्छा सम्मान भविष्य के अनुसार उसे तैयार करना और उसे अपनाना है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पूरे देश की नजर हम पर टिकी है। वे इंतजार कर रहे हैं कि हम साथ मिलकर क्या हासिल करेंगे…हमारे देश को जिस एयरलाइन की जरूरत है, उसके निर्माण के लिए हमें भविष्य की ओर देखने की जरूरत है।’’

समूह ने यह भी कहा कि वह प्रधानमंत्री के विमानन क्षेत्र को सस्ता बनाने और नागरिकों के लिये ‘रहन-सहन को सुगम’ बनाने में योगदान सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से सहमत हैं।

इस बीच, सूत्रों ने बताया कि टाटा समूह एयर इंडिया के विमान चालक दल के कपड़ों से लेकर यात्रियों के अतिथि सत्कार तथा उन्हें दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता पर खासतौर से ध्यान देगा।

उन्होंने कहा कि उड़ानों में टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का एक विशेष ऑडियो संदेश भी चलाया जाएगा।

एयर इंडिया की शुरुआत टाटा समूह ने 1932 में की थी। हालांकि, देश को आजादी मिलने के बाद, 1953 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने विमानन कंपनी का राष्ट्रीयकरण कर दिया था।

सरकार ने एयर इंडिया को टाटा समूह को सौंपने से पहले उसकी सहायक कंपनी एआईएएचएल में रखे गए 61,000 करोड़ रुपये के पुराने कर्ज और अन्य देनदारियों का निपटारा कर दिया है।

विमानन कंपनी पर 31 अगस्त 2021 तक कुल 61,562 करोड़ रुपये का कर्ज था। इसमें से टाटा समूह ने 15,300 करोड़ रुपये का कर्ज अपने ऊपर ले लिया, और बाकी 75 प्रतिशत या लगभग 46,000 करोड़ रुपये एक विशेष उद्देश्यीय कंपनी एआई एसेट होल्डिंग लिमिटेड (एआईएएचएल) को हस्तांतरित कर दिया गया।

पांडेय ने पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि मोटे तौर पर लगभग 61,131 करोड़ रुपये का इस्तेमाल पूरे कर्ज और अन्य देनदारियों, जैसे तेल कंपनियों का ईंधन बकाया, को चुकाने के लिए किया गया।

उन्होंने कहा कि कर्ज और अन्य देनदारियों पर ब्याज बहुत अधिक था, इसलिए कर्ज चुकाने का फैसला किया गया।

इस बीच, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में ऋणदाताओं का एक गठजोड़ घाटे में चल रही विमानन कंपनी एयर इंडिया के सुचारू परिचालन के लिए टाटा समूह को कर्ज देने पर सहमत हो गया है।

सूत्रों ने बताया कि एसबीआई के नेतृत्व वाला गठजोड़ एयर इंडिया की आवश्यकताओं के अनुसार मियादी और कार्यशील पूंजी ऋण दोनों देने पर सहमत हो गया है। सूत्रों के अनुसार पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया सहित सभी बड़े ऋणदाता इस गठजोड़ का हिस्सा हैं।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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