नयी दिल्ली, 10 जुलाई (भाषा) रियल एस्टेट क्षेत्र में निजी इक्विटी (पीई) निवेश चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून की तिमाही में सालाना आधार पर पांच प्रतिशत घटकर 1.9 अरब डॉलर रह गया है। रियल एस्टेट सलाहकार एनारॉक ने यह जानकारी देते हुए कहा कि ऊंची ब्याज दरों की वजह से निजी इक्विटी प्रवाह में कमी आई है।
इससे पिछले साल की समान तिमाही में रियल एस्टेट क्षेत्र में निजी इक्विटी निवेश दो अरब डॉलर रहा था।
एनारॉक ने ‘भारतीय रियल एस्टेट में पूंजी प्रवाह पर-फ्लक्स 2023-24 की पहली तिमाही की निगरानी रिपोर्ट’ में कहा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ऊंची ब्याज दरों की वजह से पीई गतिविधियों में मामूली गिरावट आई है।
वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में पीई प्रवाह 1.4 अरब डॉलर रहा था। वहीं 2020-21 की पहली तिमाही में यह 20 करोड़ डॉलर और 2019-20 की पहली तिमाही में 1.7 अरब डॉलर रहा था।
आंकड़ों के मुताबिक, पीई निवेश में विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी 94 प्रतिशत, जबकि घरेलू कोषों की हिस्सेदारी छह प्रतिशत रही।
पीई गतिविधियों में मुख्य रूप से इक्विटी का दबदबा रहा। कुल प्रवाह में इक्विटी निवेश का हिस्सा 94 प्रतिशत रहा।
मई में ब्रुकफील्ड इंडिया रीट (बीआईआरईटी) और सिंगापुर की जीआईसी ने समान भागीदारी में भारत में 1.4 अरब डॉलर में दो वाणिज्यिक संपत्तियों के अधिग्रहण की घोषणा की थी।
एनारॉक कैपिटल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी शोभित अग्रवाल ने कहा, ‘‘इस सौदे को छोड़ दिया जाए, तो ऊंची ब्याज दरों तथा वैश्विक अनिश्चितताओं की वजह से पीई गतिविधियों कमोबेश सुस्त रही हैं।’’
अप्रैल-जून के दौरान रियल एस्टेट क्षेत्र में कुल पीई निवेश में से 90 प्रतिशत कार्यालय संपत्तियों में आया। एक साल पहले समान अवधि में यह आंकड़ा 68 प्रतिशत रहा था।
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