नयी दिल्ली, 24 जून (भाषा) केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल ने राज्यों की बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) से दक्षता में सुधार करने को कहा है, क्योंकि वितरण बिजली क्षेत्र की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। उन्होंने कहा कि बिजली क्षेत्र को 2032 तक कुल 42 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत होगी।
पटना में पूर्वी क्षेत्र के राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के क्षेत्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री ने राज्यों को राज्य में एक परमाणु संयंत्र स्थापित करने पर विचार करने का भी सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि वितरण बिजली क्षेत्र की मूल्य श्रृंखला की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है और बिजली क्षेत्र को वर्ष 2032 तक अनुमानित 42 लाख करोड़ रुपये के निवेश की जरूरत है।
मनोहर लाल ने जोर देकर कहा कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर सरकारी विभागों के बकाया को समय पर जारी करने का एक तरीका है।
आम बजट 2025-26 में, पारेषण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए राज्यों के पूंजीगत व्यय का समर्थन करने को 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण में 1.5 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।
मनोहर लाल ने कहा कि राज्यों को बिजली आपूर्ति की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए ऊर्जा भंडारण प्रणालियों के साथ अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत अक्षय ऊर्जा की बढ़ी हुई हिस्सेदारी की ओर बढ़ रहा है और यह वर्ष 2014 में 32 प्रतिशत से बढ़कर अप्रैल, 2025 में 49 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने वर्ष 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा हासिल करने की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षा पर भी प्रकाश डाला।
भाषा राजेश राजेश अजय
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