मुंबई, 13 मई (भाषा) भारत-पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनाव के बीच केंद्रीय बिजली सचिव पंकज अग्रवाल ने मंगलवार को राज्यों से बुनियादी ढांचे और साइबर सुरक्षा को सुरक्षित करने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा।
अग्रवाल ने यहां पश्चिमी राज्यों के साथ एक क्षेत्रीय बिजली सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा कि राज्यों को बिजली ‘आइलैंडिंग’ योजनाएं तैयार करने और उन्हें लागू करने की भी आवश्यकता है।
बिजली ‘आइलैंडिंग’ योजनाएं गड़बड़ी के दौरान बिजली ग्रिड के विशिष्ट भागों को अलग करने के लिए तैयार की जाती हैं। इससे वे स्वतंत्र रूप से संचालित होती हैं और आवश्यक बिजली आपूर्ति बनाए रखने में सक्षम होती हैं इससे व्यापक ‘ब्लैकआउट’ को रोकने और ग्रिड को तेज से बहाल करने में मदद मिलती है।
अग्रवाल के हवाले से एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘हाल के तनाव के मद्देनजर, ट्रांसमिशन ग्रिड और वितरण प्रणालियों सहित बिजली क्षेत्र के बुनियादी ढांचे को सुरक्षित करना बहुत महत्वपूर्ण है और राज्यों को इसके लिए आवश्यक साइबर सुरक्षा व्यवस्था को लागू करना चाहिए।’’
उल्लेखनीय है कि 2020 में, मुंबई के कुछ हिस्सों में कई घंटों तक बिजली गुल रही, जिसे साइबर सुरक्षा में सेंध कहा गया।
इसी सम्मेलन में केंद्रीय बिजली मंत्री मनोहर लाल ने राज्यों से पंप स्टोरेज जलविद्युत परियोजनाओं और बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों के माध्यम से आवश्यक भंडारण क्षमता विकसित करने का आग्रह किया।
मंत्री ने 2047 तक 100 गीगावाट के लक्ष्य के साथ देश में परमाणु उत्पादन क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
सम्मेलन में वितरण के मुद्दे और इस मोर्चे पर घाटे से बचने के तरीकों पर भी चर्चा की गई।
मंत्री ने वितरण क्षेत्र को बिजली क्षेत्र की मूल्य श्रृंखला में ‘सबसे महत्वपूर्ण कड़ी’ बताया, लेकिन स्वीकार किया कि खराब शुल्क संरचनाओं, अनुकूलतम बिलिंग नहीं होने और संग्रह तथा सरकारी विभागों के बकाया और सब्सिडी के भुगतान में देरी के कारण इसे चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
लाल ने कहा कि वितरण क्षेत्र को व्यावहारिक बनाने के लिए एटीएंडसी (कुल तकनीकी और वाणिज्यिक) घाटे और आपूर्ति की औसत लागत और औसत प्राप्त राजस्व के बीच के अंतर को कम करना आवश्यक है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए यह आवश्यक है कि दरें लागत के अनुरूप हों और सरकारी बकाया तथा सब्सिडी का भुगतान वितरण कंपनियों को समय पर किया जाए।’’
भाषा रमण अजय
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