नयी दिल्ली, सात अप्रैल (भाषा) बिजली मंत्री आर के सिंह ने मुफ्त बिजली देने के लिए उधार लेने वाले पंजाब जैसे राज्यों को कर्ज के जाल में फंसने की चेतावनी दी है।
उन्होंने कहा कि ऐसी लोकलुभावन योजनाएं तभी ठीक हैं, जब किसी राज्य के पास पर्याप्त धन हो।
उन्होंने कहा कि किसी भी दूसरी चीज की तरह बिजली उत्पादन की लागत होती है, और अगर कोई राज्य इसे उपभोक्ताओं के एक वर्ग को मुफ्त में देता है, तो यह भी सोचना चाहिए कि उत्पादन संयंत्र को भुगतान भी करना होगा। अगर उत्पादन संयंत्र को भुगतान नहीं किया गया, तो बिजली उत्पादन नहीं होगा।
सिंह ने पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि वह राज्यों से कहते रहे हैं कि बिजली मुफ्त नहीं है।
उन्होंने कहा, ”अगर कोई राज्य किसी भी श्रेणी के लोगों को मुफ्त बिजली देना चाहता है, तो वह ऐसा कर सकता है, लेकिन उन्हें इसके लिए भुगतान करना होगा।”
उन्होंने कहा कि जिन राज्यों पर पहले ही बहुत कर्ज है, वह भी ऐसे लोकलुभावन उपायों का सहारा ले रहे हैं, और उन्हें बिजली संयंत्रों को भुगतान करने के लिए अधिक कर्ज लेना पड़ रहा है। इसके चलते वे ऋण के जाल में फंस गए हैं।
ऐसा करने वाले राज्यों के नाम पूछने पर उन्होंने पंजाब का नाम लिया। उन्होंने कहा कि पंजाब में आप सरकार ने पहले दो वर्षों में 47,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया, जिससे राज्य पर कर्ज का बोझ और बढ़ गया।
उन्होंने कहा कि अगर हालात को संभाला नहीं गया, तो आने वाली पीढ़ियों के लिए सड़क, अस्पताल और स्कूल बनाने के लिए धन नहीं होगा, क्योंकि जो भी राजस्व आएगा वह ऋण चुकाने में चला जाएगा।
भाषा पाण्डेय
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