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Tuesday, 19 November, 2024
होमदेशअर्थजगतप. बंगाल में आलू की कीमतें घटकर 20-21 रुपये प्रति किलो पर आने की संभावना

प. बंगाल में आलू की कीमतें घटकर 20-21 रुपये प्रति किलो पर आने की संभावना

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कोलकाता, एक अप्रैल (भाषा) फसल की कम पैदावार और होली की छुट्टियों के दौरान मजदूरों की कमी जैसे कारणों से पिछले एक पखवाड़े में आलू की ‘ज्योति’ किस्म की कीमतें जो 30-40 प्रतिशत बढ़कर 24-25 रुपये हो गई हैं, उसके एक सप्ताह में घटकर 20-21 रुपये प्रति किलोग्राम पर आने की संभावना है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

‘ज्योति’ और इसके अन्य प्रारूप बड़े पैमाने पर बिकने वाली किस्में हैं, जबकि प्रीमियम ‘चंद्रमुखी’ किस्म की कीमत 30 रुपये तक पहुंच गई।

स्थानीय दुकानदारों और बाजारों ने आलू की कीमत में बढ़ोतरी के लिए आगामी लोकसभा चुनाव को जिम्मेदार ठहराया है।

आमतौर पर यह समझा जाता है कि चुनाव के दौरान व्यापारियों को राजनीतिक दलों को चंदा देना होता है, जिसका बोझ बाद में ग्राहकों पर डाल दिया जाता है। हालांकि, उद्योग के अधिकारियों ने इस तर्क को खारिज कर दिया।

पश्चिम बंगाल वेंडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कमल डे ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘मुझे लगता है कि अगले सप्ताह से आलू की कीमत धीरे-धीरे कम होकर 20-21 रुपये प्रति किलोग्राम रह जानी चाहिए। होली की छुट्टियों के कारण मजदूरों की भारी कमी हो गई थी और अचानक बारिश के कारण फसलों को कुछ नुकसान हुआ था जिसके कारण कीमतों में वृद्धि हुई।’’

उन्होंने कहा कि ढुलाई के लिए आवश्यक 80 प्रतिशत मजदूर प्रवासी हैं जो होली त्योहार के दौरान घर लौटते हैं लेकिन इस सप्ताह उनका वापस लौटना शुरू हो जायेगा।

पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के वरिष्ठ सदस्य पतित पबन डे ने कहा कि कोल्ड स्टोरेज में फसलों की लोडिंग की प्रवृत्ति और रिपोर्ट को देखते हुए आलू का उत्पादन अनुमानित रूप से 10 प्रतिशत कम होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘अब तक, लोडिंग औसतन 70-75 प्रतिशत के बीच ही है। प्रवृत्ति को देखते हुए अधिकतम लोडिंग 80 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी। पिछले साल लोडिंग 88-89 प्रतिशत थी।’’

उन्होंने कहा कि हुगली जिले के बाजार में थोक मूल्य 16 रुपये प्रति किलोग्राम है और कोलकाता के खुदरा बाजारों में किसी भी परिस्थिति में कीमत 22 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए।

डे ने कहा कि बाजार में ‘ज्योति’ के नाम से बिकने वाले बहुत सारे आलू संकर और अन्य किस्में हैं जो समान दिखती हैं।

कृषि विभाग के उत्पादन के पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, फसल वर्ष 2023-24 में प्याज और आलू का उत्पादन कम होने की आशंका है।

इसमें कहा गया है कि वर्ष 2023-24 के लिए राष्ट्रीय स्तर पर आलू उत्पादन लगभग पांच करोड़ 89.9 लाख टन होने की उम्मीद है, जो पिछले वर्ष के लगभग छह करोड़ 1.4 लाख टन के उत्पादन से थोड़ा कम है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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