नयी दिल्ली, पांच मई (भाषा) स्पाइसजेट की उड़ान के दौरान विमान के झटके खाने से तीन साल पहले एक यात्री की मौत और कई अन्य के घायल होने के मामले में विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने कहा है कि चालक दल के खराब संसाधन प्रबंधन और निर्णय लेने में चूक के अलावा यात्रियों के सीट बेल्ट नहीं पहनने से यह हादसा हुआ था।
एक मई, 2022 को हुई इस दुर्घटना की अपनी अंतिम जांच रिपोर्ट में एएआईबी ने यह सिफारिश भी की है कि विमानन नियामक डीजीसीए को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसके अधिकारी विमान को ‘पंजीकरण’ से हटाते समय ब्यूरो से मंजूरी लेने के लिए उड़ान भरने लायक प्रक्रिया मानकों में निर्धारित प्रक्रिया का पालन करें।
यह सिफारिश तब की गई है जब नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने दुर्घटना में शामिल बोइंग 737-800 विमान का पंजीकरण खत्म कर दिया था और एएआईबी की मंजूरी के बिना ही पट्टादाता को वापस कर दिया था। मानकों के मुताबिक, विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर डीजीसीए को विमान का पंजीकरण निरस्त करने के पहले एएआईबी से मंजूरी या समापन रिपोर्ट की जांच करनी होती है।
एएआईबी की रिपोर्ट के मुताबिक, एक मई, 2022 को स्पाइसजेट का यह विमान मुंबई-दुर्गापुर खंड में उड़ान पर था। इस दौरान उसे बड़े झटकों का सामना करना पड़ा था। सीट बेल्ट नहीं पहनने वाले कई यात्री अपनी सीटों से उछल गए थे और उन्हें चोटें आई थीं। बाद में इलाज के दौरान एक यात्री की मौत हो गई थी।
उड़ान में 189 यात्री और चालक दल के छह सदस्य सवार थे।
भाषा राजेश राजेश प्रेम
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