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रविवार, 11 मई, 2025
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पीएमईजीपी को वित्त वर्ष 2025-26 तक बढ़ाया गया, 40 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन होगा

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नयी दिल्ली, 30 मई (भाषा) प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) को 2025-26 तक बढ़ा दिया गया है। इसपर कुल 13,554.42 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। सरकार ने सोमवार को यह जानकारी दी।

सूक्ष्म, लघु एव मझोला उपक्रम (एमएसएमई) मंत्रालय ने कहा कि इस योजना से पांच वित्त वर्षों में 40 लाख लोगों के लिए सतत रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।

इस योजना को 15वें वित्त आयोग की अवधि यानी पांच साल के लिए 2021-22 से 2025-26 तक बढ़ाया गया है।

पीएमईजीपी का लक्ष्य देशभर के युवाओं को गैर-कृषि क्षेत्रों में सूक्ष्म उपक्रमों की स्थापना के जरिये रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है।

इस योजना की समयसीमा बढ़ाने के साथ इसमें कुछ और संशोधन भी किए गए हैं। इसके तहत विनिर्माण इकाइयों के लिए अधिकतम परियोजना लागत को मौजूदा 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये किया गया है। वहीं सेवा इकाइयों के लिए इसे 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया गया है।

पीएमईजीपी में ग्रामोद्योग और ग्रामीण क्षेत्र की परिभाषा को भी बदला गया है। पंचायती राज संस्थानों के तहत आने वाले क्षेत्रों को ग्रामीण क्षेत्र माना जाएगा। नगर निगमों के तहत आने वाले क्षेत्रों को शहरी क्षेत्र माना जाएगा।

सभी क्रियान्वयन एजेंसियों को आवेदन लेने और उनके प्रसंस्करण की अनुमति होगी, बेशक आवेदन ग्रामीण क्षेत्र का हो गया शहरी क्षेत्र का।

आकांक्षी जिलों और ‘ट्रांसजेंडर’ आवेदकों को विशेष श्रेणी में रखा जाएगा और वे अधिक सब्सिडी पाने के पात्र होंगे।

भाषा अजय अजय रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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