नयी दिल्ली, छह अगस्त (भाषा) बिजली क्षेत्र में काम करने वाले इंजीनियरों के संगठन एआईपीईएफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया है कि विद्युत (संशोधन) विधेयक, 2022 को सभी हितधारकों के साथ विस्तृत चर्चा के लिए संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाए।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने विद्युत (संशोधन) विधेयक 2022 को संसद में आठ अगस्त को पेश किए जाने की बात कही थी। इसी पृष्ठभूमि में ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर उनसे इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।
एआईपीईएफ ने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री से अपील की गई है कि इस विधेयक को संसद की स्थायी समिति के पास भेजा जाए ताकि इस पर सभी हितधारकों के साथ विस्तृत चर्चा की जा सके।
बयान के मुताबिक, बिजली कर्मचारियों एवं इंजीनियरों की राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसीओईईई) और एआईपीईएफ ने ऊर्जा मंत्रालय को नोटिस भेजकर कहा है कि इस विधेयक के संसद में रखे जाने पर देशभर में सभी बिजली कर्मचारी और इंजीनियरों को विरोध जताने के लिए दिनभर काम रोककर प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
दुबे ने कहा कि केंद्र सरकार को यह बताना होगा कि इस विधेयक को लेकर इतनी जल्दबाजी क्यों की जा रही है और इसके पीछे कौन सी ताकतों का हाथ है।
एआईपीईएफ ने कहा कि विधेयक का मसौदा दो अगस्त 2022 को तैयार हुआ है जिस वजह से कोई भी हितधारक इस पर राय नहीं दे सका है और न ही अपनी आपत्ति दर्ज करा पाया है।
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