मुंबई, 23 मार्च (भाषा) उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत होने वाला खर्च अगले तीन से चार वर्षों में देश के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों के औसत पूंजी व्यय का 13 से 15 प्रतिशत हिस्सा होगा। एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।
देश के 15 क्षेत्रों के लिए केंद्रित पीएलआई योजना में 1.93 लाख करोड़ रुपये का सरकारी प्रोत्साहन शामिल हैं। इस राशि का 50 से 60 प्रतिशत निर्यात केंद्रित उद्योग और घरेलू विनिर्माण क्षेत्र पर खर्च किया जाएगा।
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने बुधवार को जारी अपनी एक रिपोर्ट में कहा, ‘‘पीएलआई योजना के कार्यान्वयन से योजना अवधि के दौरान ढाई से तीन लाख करोड़ रुपये का संभावित पूंजीगत व्यय होगा। योजना के तहत खर्च की जाने वाली राशि अगले तीन से चार वर्ष में देश के प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों के औसत वार्षिक निवेश खर्च का 13 से 15 प्रतिशत हिस्सा होगी।’’
रिपोर्ट में कहा गया कि पीएलआई योजना अब तेजी से जमीनी स्तर पर पहुंचने के लिए तैयार है। इसमें लगभग 60 प्रतिशत पूंजीगत व्यय की मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है तथा वित्त वर्ष 2022-23 से वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान प्रमुख खर्च किया जाएगा।
क्रिसिल के निदेशक एच गांधी ने कहा कि पीएलआई योजना देश में पर्यावरण अनुकूल निवेश को बढ़ावा देगी। योजना का लगभग 55 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन/ ईंधन सेल, सौर फोटोवोल्टिक जैसे पर्यावरण अनुकूल क्षेत्र को मिलने की उम्मीद है।
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