मुंबई, चार अप्रैल (भाषा) पायलटों के दो संगठनों ने बृहस्पतिवार को कहा कि विस्तारा के पायलटों द्वारा उठाई गई समस्याएं एक एयरलाइन कंपनी का मामला नहीं हैं, बल्कि टाटा समूह की सभी विमानन इकाइयों से जुड़ा व्यवस्थागत मुद्दा है।
इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन (आईसीपीआई) और इंडियन पायलट गिल्ड (आईपीजी) ने टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को लिखे पत्र में समूह से पायलट समुदाय के साथ सार्थक बातचीत में शामिल होने का आग्रह किया।
टाटा समूह की चार एयरलाइन- एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, एआईएक्स कनेक्ट (पूर्व में एयरएशिया इंडिया), और विस्तारा…हैं।
आईपीजी एयरलाइंस के चौड़े विमानों वाले बेड़े का संचालन करने वाले एयर इंडिया के पायलटों का प्रतिनिधित्व करता है जबकि आईसीपीए एक गलियारे वाले विमानों का संचालन करने वाले पायलटों की यूनियन है।
विस्तारा को हाल के दिनों में वेतन संशोधन और अन्य मुद्दों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे पायलटों की अनुपलब्धता के कारण 100 से अधिक उड़ानों को रद्द करना पड़ा है।
पत्र में कहा गया है, ‘‘विस्तारा के पायलट 70 घंटे की नियत अवधि की क्षतिपूर्ति, बेहतर कामकाजी परिस्थितियों और स्थिर ड्यूटी व्यवस्था की मांग कर रहे हैं।’’
पत्र में कहा गया है, ‘‘सभी बातों पर गौर करने और परामर्श के बाद हमारा मानना कि उनकी मांगें न केवल उचित हैं बल्कि यह टाटा समूह की एयरलाइंस के भीतर व्यापक चुनौतियों को भी प्रतिबिंबित करती हैं।’’
पायलट यूनियन के अनुसार विस्तारा पायलटों ने जो चिंता जतायी है, वह कोई एक एयरलाइन का मामला नहीं है बल्कि टाटा समूह की सभी एयरलाइंस से जुड़ा व्यवस्थागत मुद्दा है।
पत्र में कर्मचारी संगठनों ने टाटा समूह के नेतृत्व से पायलट समुदाय के साथ सार्थक बातचीत करने और उनकी वैध शिकायतों को दूर करने के लिए सक्रियता से कदम उठाने को कहा है।
भाषा रमण अजय
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