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Friday, 24 January, 2025
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रुपये में कमजोरी से निर्यातकों को लाभ की संकल्पना हकीकत से परे: फियो

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नयी दिल्ली, 24 जनवरी (भाषा) निर्यातकों के शीर्ष निकाय फियो ने शुक्रवार को कहा कि रुपये में कमजोरी से अक्सर वैश्विक स्तर पर वस्तुओं को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाकर भारतीय निर्यात को बढ़ावा मिलने की बात कही जाती है लेकिन वास्तविकता इससे कहीं जटिल है।

भारतीय निर्यात संगठनों के महासंघ (फियो) के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने कहा कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले घरेलू मुद्रा की कीमत में हाल ही में आई गिरावट मिश्रित परिणामों के साथ एक जटिल आर्थिक परिदृश्य का भी प्रतिनिधित्व करती है।

उन्होंने कहा, ‘निर्यात को बढ़ावा देने के लिए रुपये का कमजोर होना सबके लिए एक जैसा समाधान नहीं है। विनिमय दर में कमी के मूल कारणों को दूर करने और इसके प्रतिकूल प्रभावों को कम करने के लिए एक रणनीतिक, बहुआयामी दृष्टिकोण की जरूरत है।’

उन्होंने इसे अधिक स्पष्ट करते हुए कहा कि यदि रुपया दो प्रतिशत तक गिरता है और प्रमुख प्रतिस्पर्धियों की मुद्राओं में तीन से पांच प्रतिशत की गिरावट आती है, तो भारतीय निर्यातक वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धा की क्षमता गंवा बैठेंगे।

कुमार ने कहा, ‘यह सापेक्ष नुकसान भारतीय वस्तुओं को मिलने वाले किसी भी संभावित मूल्य लाभ को खत्म कर देता है।’

पिछले साल घरेलू मुद्रा की कीम में चार प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 86.22 (अस्थायी) के भाव पर बंद हुआ।

कुमार ने कहा कि मूल्यह्रास की वजह से उत्पादन लागत में बढ़ोतरी, विनिमय दर में अस्थिरता, मुद्रास्फीति का दबाव और बाहरी ऋण का बोझ भी बढ़ता है।

उन्होंने कहा, ‘कई भारतीय निर्यातक आयातित कच्चे माल और कल-पुर्जों पर निर्भर हैं। कमजोर रुपया इन उत्पादन लागतों को काफी हद तक बढ़ा देता है, जो अक्सर मूल्यह्रास के कथित लाभों को खत्म कर देता है।’

कुमार ने कहा कि मूल्यह्रास से तेल और वस्तुओं जैसे आयातित वस्तुओं की लागत बढ़ जाती है, जिससे उत्पादन लागत बढ़ जाती है और घरेलू मुद्रास्फीति बढ़ जाती है और उपभोक्ता की क्रय शक्ति कम हो जाती है।

उन्होंने कहा कि घरेलू मुद्रा कमजोर होने से विदेशों में लिए गए ऋण की लागत भी बढ़ जाती है जिससे कंपनियों और सरकार पर अतिरिक्त दबाव बनता है।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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