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संसदीय समिति ने सड़क परियोजनाओं की निगरानी के लिए तंत्र बनाने का सुझाव दिया

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नयी दिल्ली, तीन फरवरी (भाषा) एक संसदीय समिति ने बृहस्पतिवार को सुझाव दिया कि सड़क परिवहन मंत्रालय को सड़क परियोजनाओं के लिए बोली लगाने की ऊपरी और निचली सीमा तय करनी चाहिए, या फिर काफी कम बोली वाली परियोजनाओं की गुणवत्ता तथा प्रगति की कड़ाई से निगराने के लिए एक तंत्र स्थापित करना चाहिए।

परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर संसद की स्थायी समिति ने राज्यसभा में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा कि केंद्रीय सड़क एवं अवसंचरना कोष (सीआरआईएफ) की समीक्षा के संबंध में सामने आने वाले मुद्दों के समाधान के लिए सड़क मंत्रालय और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना चाहिए।

समिति ने आगे कहा, ‘‘मंत्रालय सीआरआईएफ के तहत सड़क परियोजनाओं के लिए निविदाएं देने के मौजूदा दिशानिर्देशों की समीक्षा कर सकता है, क्योंकि अक्सर पाया जाता है कि परियोजनाओं को मंत्रालय या एनएचएआई की अनुमानित राशि की तुलना में काफी कम बोली पर आवंटित किया जाता है।’’

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ऐसे मामलों में ठेकेदार वास्तव में काम पूरा नहीं करते हैं, या काम की गुणवत्ता घटिया होने की आशंका रहती है।

रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे में मंत्रालय को सड़क परियोजनाओं के लिए बोली लगाने की ऊपरी और निचली सीमा तय करनी चाहिए, या फिर काफी कम बोली वाली परियोजनाओं की गुणवत्ता तथा प्रगति की कड़ाई से निगरानी के लिए एक तंत्र स्थापित करना चाहिए।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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