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ग्रेटर नोएडा (उप्र), 11 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेमीकंडक्टर के घरेलू विनिर्माण में निवेश को बढ़ावा देने का बुधवार को आह्वान करते हुए कहा कि आपूर्ति शृंखलाओं की मजबूती अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।
सेमीकंडक्टर स्मार्टफोन से लेकर इलेक्ट्रिक वाहन और कृत्रिम मेधा (एआई) तक अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी पर आधारित हर उत्पाद का आधार है।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी से सटे ग्रेटर नोएडा में आयोजित ‘सेमीकॉन-2024’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी की वजह से आपूर्ति शृंखला की अहमियत का अहसास सबको हुआ है। उन्होंने भविष्य में इस तरह के किसी भी व्यवधान पर काबू पाने के लिए कदम उठाने की जरूरत पर बल दिया।
कोविड-19 महामारी के समय दुनिया को आपूर्ति संबंधी बड़े झटके झेलने पड़े थे। चीन में उठाए गए सख्त कदमों ने उस देश से आयात पर निर्भर उद्योगों और क्षेत्रों को खासा प्रभावित किया था। इससे भारत में भी सेमीकंडक्टर चिप की किल्लत पैदा हो गई थी जो सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का अहम हिस्सा है।
उन्होंने कहा, ‘‘आपूर्ति शृंखला का जुझारूपन या मजबूती बेहद महत्वपूर्ण है। भारत अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में आपूर्ति शृंखला तैयार करने के लिए काम कर रहा है।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में अपनी सुधारोन्मुख सरकार, स्थिर नीतियों और उस बाजार का भी उल्लेख किया जिसने सेमीकंडक्टर विनिर्माण में निवेश के लिए मजबूत आधार तैयार करने को प्रौद्योगिकी का सहारा लिया है।
उन्होंने सेमीकंडक्टर उद्योग के हितधारकों से कहा, ‘‘यह भारत में मौजूद होने का सही समय है। आप सही समय पर सही जगह मौजूद हैं। आज का भारत दुनिया को यह भरोसा देता है कि जब हालात ठीक न हों तो आप भारत पर दांव लगा सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारा सपना है कि दुनिया के हर उपकरण में भारत में बनी चिप लगी हो। हम भारत को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में महाशक्ति बनाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।’’
सेमीकंडक्टर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि एक सुधारवादी सरकार, बढ़ता विनिर्माण आधार और प्रौद्योगिकी का रुख करने वाले आकांक्षी बाजार देश में चिप विनिर्माण के लिए ‘‘थ्री-डी पावर’’ प्रदान करते हैं।
उन्होंने कहा कि सेमीकंडक्टर विनिर्माण में 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश पहले ही हो चुका है और कई परियोजनाएं अभी मंजूरी एवं प्रस्ताव के स्तर पर हैं।
भारत ने चिप निर्माताओं और उनके आपूर्तिकर्ताओं को लुभाने और मौजूदा जरूरतें पूरा करने और ताइवान जैसे देशों पर आयात निर्भरता कम करने के लिए 76,000 करोड़ रुपये का कार्यक्रम बनाया है।
इस कार्यक्रम के तहत लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश घोषित हुआ है और प्रतिदिन लगभग सात करोड़ चिप के उत्पादन की योजना है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण का पूरा काम देश में ही किए जाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है।
मोदी ने कहा, ‘‘आज भारत का इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र 150 अरब डॉलर से अधिक का है। इस दशक के अंत तक हम अपने इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र को 500 अरब डॉलर से अधिक पर पहुंचाना चाहते हैं। इससे 60 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन हो सकता है।’’
उन्होंने भारत को सेमीकंडक्टर चिप का बहुत बड़ा उपभोक्ता बताते हुए कहा कि दुनिया का सबसे बेहतरीन डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा इसी के दम पर बनाया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह छोटी सी चिप भारत में अंतिम छोर तक आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बड़े काम कर रही है।’’
भाषा
प्रेम अजय
अजय
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