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Thursday, 25 September, 2025
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खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में वैश्विक निवेश के लिए हमारे दरवाजे खुलेः प्रधानमंत्री मोदी

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(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को वैश्विक कंपनियों को भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि देश की फसल विविधता, मांग और पैमाने की ‘त्रि-शक्ति’ इसे आकर्षक गंतव्य बनाती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने यहां ‘वर्ल्ड फूड इंडिया शिखर सम्मेलन’ का उद्घाटन करते हुए कहा कि पिछले दस वर्षों में सरकार ने उत्पादन-आधारित योजनाएं और मेगा फूड पार्क जैसी पहलों के जरिये खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को बढ़ावा दिया है जिससे क्षेत्र की क्षमता 20 गुना बढ़ी और निर्यात दोगुना हुआ है।

उन्होंने उद्योग जगत से प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के लिए पर्यावरण-अनुकूल एवं बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग में निवेश करने का आग्रह भी किया।

मोदी ने कहा, “भारत ने खुले मन से अपने देश के दरवाजे, दुनिया के लिए खोल रखे हैं। हम खाद्य शृंखला से जुड़े हर निवेशक के लिए खुले हैं। हम सहयोग के लिए खुले दिल से तैयार हैं।”

प्रधानमंत्री ने वैश्विक खाद्य कंपनियों को भारत में अधिकतम निवेश करने का न्योता देते हुए कहा कि यहां पर खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और वैश्विक कंपनियों को इसका फायदा उठाना चाहिए।

मोदी ने आगे कहा कि वैश्विक निवेशक भारत की ओर बड़ी आशा भरी नजरों से देख रहे हैं क्योंकि देश में विविधता, मांग और पैमाना के रूप में तीन ताकतें हैं जो इसे निवेश के लिए सबसे आकर्षक गंतव्य बनाती हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया में अद्वितीय है, क्योंकि यहां उत्पादन विविधता है और विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों की बड़ी मांग है।

उन्होंने कहा कि भारत का पैमाना ‘अभूतपूर्व’ है, जिससे 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए और नव-मध्य वर्ग का हिस्सा बने हैं। यह नव-मध्य वर्ग ही आने वाले वर्षों में खाद्य प्रवृत्तियों को निर्धारित करेगा।

प्रधानमंत्री ने बताया कि जीएसटी सुधारों से खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को लाभ मिला है और अब अधिकांश खाद्य वस्तुएं शून्य या पांच प्रतिशत के कर दायरे में आती हैं। बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग पर भी जीएसटी को घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है।

मोदी ने यह भी बताया कि सरकार प्रसंस्करण संयंत्रों, शीत-गृह सुविधाओं और मत्स्य पालन क्षेत्र में बंदरगाह के आधुनिकीकरण में निवेश कर रही है। साथ ही नई प्रौद्योगिकी से फसल की बर्बादी कम और उसकी जीवन अवधि बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।

इस अवसर पर रूस के उप प्रधानमंत्री दिमित्रि पेट्रिशेव, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान, आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव और राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू भी मौजूद थे।

पासवान ने कहा कि सम्मेलन के दौरान एक लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (एमओयू) हुए हैं, जो आने वाले वर्षों में नौ लाख रोजगार सृजित करेंगे।

वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 सम्मेलन का आयोजन करीब एक लाख वर्ग मीटर में हो रहा है। यह भारत के खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र का सबसे बड़ा मंच है। इसमें 21 देशों के प्रतिनिधि, 21 राज्य/केंद्रशासित प्रदेश, 10 केंद्रीय मंत्रालय और 1,700 से अधिक प्रदर्शक भाग ले रहे हैं।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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