चंडीगढ़, 13 अप्रैल (भाषा) पंजाब मंत्रिमंडल ने बुधवार को एक अध्यादेश को मंजूरी दी। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि कि राज्य के खाद्यान्न खरीद पर एकत्र किये गये ग्रामीण विकास कोष (आरडीएफ) का उपयोग केवल ग्रामीण क्षेत्रों में मंडियों से संबंधित बुनियादी ढांचे पर ही हो।
मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में यहां हुई बैठक में मंत्रिमंडल ने पंजाब ग्रामीण विकास (संशोधन) अध्यादेश, 2022 को अपनी मंजूरी दे दी।
एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार इसके लिये पंजाब ग्रामीण विकास अधिनियम, 1987 में, केंद्र सरकार के खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा 24 फरवरी, 2020 को किये गये संशोधित सिद्धांतों के अनुरूप, संशोधन किया जाएगा।
यह कदम तब आया जब केंद्र ने आरडीएफ को रोक दिया था और राज्य सरकार से कहा था कि राज्य में केवल ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास के लिए इसका इस्तेमाल किया जाये।
बुधवार को कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकारों से से वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने राज्य में पूर्ववर्ती कांग्रेस और अकाली सरकारों पर आरडीएफ का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया।
चीमा ने कहा, ‘अकाली हो या कांग्रेस सरकार, उन्होंने आरडीएफ का दुरुपयोग किया। उसके बाद, भारत सरकार ने राज्य को आरडीएफ जारी करना बंद कर दिया था।”
उन्होंने इसे राज्य में आप के नेतृत्व वाली सरकार का ‘बड़ा फैसला’ करार देते हुए कहा, ‘आज कैबिनेट ने इस संबंध में एक अध्यादेश लाने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि आरडीएफ के तहत जुटाई गई राशि को ग्रामीण क्षेत्रों की मंडियों से संबंधित बुनियादी ढांचे पर ही खर्च किया जाएगा। चीमा ने उम्मीद जताई कि इस कानून के लागू होने के बाद केंद्र राज्य को आरडीएफ के रूप में 1,100 करोड़ रुपये जारी करेगा।
पंजाब, खाद्यान्न खरीद पर तीन प्रतिशत आरडीएफ लेता है।
प्रवक्ता ने कहा कि आरडीएफ ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न कार्यों पर खर्च किया जाएगा। इसमें मंडियों और खरीद केंद्रों तक पहुंच सड़कों के निर्माण या मरम्मत, नई मंडियों या खरीद केंद्रों की स्थापना, पेयजल की आपूर्ति की व्यवस्था करना और मंडियों में स्वच्छता में सुधार करने जैसे काम शामिल हैं।
इस फंड का उपयोग अच्छी तरह से सुसज्जित विश्राम गृह या रैन बसेरा, किसानों के लिए शेड और खरीद कार्यों में लगे श्रमिकों को उपलब्ध कराने के लिए भी किया जाएगा।
भाषा राजेश राजेश रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.