नयी दिल्ली, 16 मार्च (भाषा) रेटिंग एजेंसी इक्रा ने बुधवार को कहा कि आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का बिजली खरीद समझौते (पीपीए) की गरिमा को बरकरार रखने का निर्णय नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिये सकारात्मक है।
आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने 15 मार्च, 2022 को दिये अपने आदेश में राज्य की वितरण कंपनियों को बिजली खरीद समझौतों की शर्तों का सम्मान करने और आदेश के छह सप्ताह के भीतर पीपीए के तहत तय शुल्क के आधार पर लंबित बकाये के भुगतान का निर्देश दिया।
यह मामला पवन और सौर बिजली परियोजनाओं के लिये पीपीए के तहत तय दरों पर फिर से बातचीत से जुड़ा था।
इक्रा में कॉरपोरेट रेटिंग्स मामलों के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और सह-समूह प्रमुख गिरीशकुमार कदम ने बयान में कहा, ‘‘उच्च न्यायालय का हस्ताक्षर वाले पीपीए की गरिमा को बरकरार रखने का आदेश अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के लिये काफी सकारात्मक है। यह राज्य में प्रभावित स्वतंत्र बिजली उत्पादकों (आईपीपी) को नकदी के मामले में राहत प्रदान करेगा।’’
कदम के अनुसार, पीपीए के तहत तय शुल्क पर फिर से बातचीत के मामलों का लंबित होना नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए एक प्रमुख चिंता का विषय रहा है। इससे राज्य में पवन और सौर बिजली उत्पादकों की कर्ज क्षमता प्रभावित हुई है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि लगातार घाटे और कर्ज पर निर्भरता के कारण राज्य वितरण कंपनियों की कमजोर वित्तीय स्थिति को देखते हुए उच्च न्यायालय के आदेश का समय पर क्रियान्वयन महत्वपूर्ण है।
इक्रा ने कहा कि उच्च न्यायालय ने इस संदर्भ में सितंबर, 2019 में एकल न्यायाधीश की पीठ के आदेश को खारिज कर दिया।
एकल पीठ ने सितंबर, 2019 में अपने आदेश में कहा था कि आंध्र प्रदेश की वितरण कंपनियां पीपीए में तय शुल्क के बजाय अंतरिम तौर पर 2.43/2.44 रुपये प्रति यूनिट की दर से अंतरिम शुल्क का भुगतान करेंगी। साथ ही आंध्र प्रदेश सरकार के जुलाई, 2019 में पवन और सौर ऊर्जा शुल्क की समीक्षा के लिये उच्च अधिकार प्राप्त समिति गठित करने के आदेश को भी खारिज कर दिया था।
भाषा
रमण अजय
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