(मौमिता बख्शी चटर्जी)
नयी दिल्ली, पांच जून (भाषा) कृत्रिम मेधा (एआई) टूल चैटजीपीटी का विकास करने वाली कंपनी ओपनएआई ने भारत में एआई के भविष्य पर एक बड़ा दांव लगाते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि भारत के पास एआई प्रतिभा की अगुवाई करने का तगड़ा मौका है।
ओपनएआई के वैश्विक मुख्य रणनीति अधिकारी जेसन क्वॉन ने इंडियाएआई मिशन के साथ साझेदारी में ‘ओपनएआई अकादमी इंडिया’ का शुभारंभ करने के बाद यह बात कही।
क्वॉन ने पीटीआई-भाषा के साथ बातचीत में कहा कि चैटजीपीटी का दूसरा सबसे बड़ा उपयोगकर्ता देश भारत जुड़ाव के मामले में कंपनी के लिए सबसे अहम बाजारों में से एक है।
उन्होंने कहा कि भारत में चैटजीपीटी का उपयोग सालाना आधार पर तीन गुना से अधिक बढ़ा है, और काल्पनिक तस्वीरें बनाने वाला टूल भी बहुत लोकप्रिय रहा है।
ओपनएआई के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘भारत हमेशा से डेवलपर प्रतिभा में अग्रणी रहा है और अब उसके पास एआई प्रतिभा में भी अग्रणी बनने का एक मजबूत अवसर है।’
उन्होंने कहा कि ‘ओपनएआई अकादमी इंडिया’ का लक्ष्य भारत के तेजी से बढ़ते डेवलपर समुदाय, डिजिटल ढांचे और स्टार्टअप नेटवर्क का लाभ उठाते हुए एआई शिक्षा और उपकरणों तक पहुंच बढ़ाना है।
क्वॉन ने कहा, ‘इस अकादमी का मकसद लोगों को एआई के इस्तेमाल का तरीका समझने में मदद करना है। इसके अलावा लोगों को एआई की मदद से निर्माण के बारे में भी समझाना है।’
यह अकादमी ओपनएआई के शिक्षा मंच का पहला अंतरराष्ट्रीय विस्तार है। इसका संचालन भारत सरकार की पहल इंडियाएआई मिशन के साथ मिलकर की जाएगी।
क्वॉन ने कहा कि ओपनएआई भारत में एआई ढांचे के निर्माण में मदद करने के लिए निजी क्षेत्र की कंपनियों के साथ साझेदारी की तलाश में है।
उन्होंने भारत की प्रौद्योगिकी और ‘कंप्यूटिंग’ क्षमता बढ़ाने की सरकार की योजना की सराहना करते हुए कहा कि भारत में अपना खुद का फाउंडेशन मॉडल बनाने या बाहरी मॉडलों का लाभ उठाने के लिए सभी आवश्यक तत्व मौजूद हैं।
ओपनएआई भारत में प्रतिभा विकास में योगदान और परोपकारी संगठनों को अतिरिक्त अनुदान के माध्यम से निवेश कर रही है।
क्वॉन ने कहा कि एआई की होड़ में शामिल होने के कई तरीके हैं और भारत ‘एप्लिकेशन’ विकास में अपनी मजबूती के कारण अच्छी स्थिति में है।
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