नयी दिल्ली, चार मार्च (भाषा) भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (सीसीआई) के प्रमुख अशोक कुमार गुप्ता ने नए दौर के बाजारों में बाजार ढांचे और हिस्सेदारी से प्रतिस्पर्द्धा की पूरी तस्वीर नहीं सामने आने का जिक्र करते हुए शुक्रवार को कहा कि जटिल आर्थिक कानून बाजार की जरूरतों के हिसाब से बनाए एवं लागू किए जाने पर ही असरदार होंगे।
गुप्ता ने कहा कि मौजूदा दौर में सिर्फ कानून-आधारित रवैये और मामला विशेष पर आधारित रुख के बीच तनाव का आर्थिक सिद्धांतों पर असर पड़ने की आशंका है। ऐसे में प्रतिस्पर्द्धा अधिकारियों को कानून के बेहतरीन अनुपालन में अहम भूमिका निभानी है।
गुप्ता ने ‘प्रतिस्पर्द्धा कानून के अर्थशास्त्र’ विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि सीसीआई बाजार-मंचों में प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देने के लिए तमाम कोशिशें कर रहा है और उसकी नजर अब डिजिटल बाजार पर भी खास तौर पर लगी हुई है।
गुप्ता ने कहा, ‘बाजार संरचना और बाजार हिस्सेदारी से प्रतिस्पर्द्धा के बारे में पूरी तस्वीर सामने नहीं आती है, खासकर नए दौर के बाजारों में। बाजारों के परिवर्तनशील चरित्र को देखते हुए यह काफी महत्वपूर्ण हो गया है कि सीसीआई सक्रियता दिखाए। जटिल आर्थिक कानून उसी समय प्रभावी हो सकते हैं जब वे बाजार-विशेष के लिए बारीकी से बनाए गए हों।’
उन्होंने कहा कि बाजार अध्ययनों से हासिल सबक के आधार पर प्रतिस्पर्द्धा आयोग बाजार में विभिन्न रणनीतिक संपर्कों की तारीफ करता है। उन्होंने कहा कि विकसित देशों की तुलना में भारत में बाजारों के विकास में कानून प्रवर्तन एवं वकालत को अहमियत देनी होगी।
भाषा
प्रेम रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.