नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) को नए कुओं से उत्पादित किसी भी प्राकृतिक गैस के लिए विनियमित या एपीएम मूल्य पर 20 प्रतिशत प्रीमियम को मंजूरी दे दी है। कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
वर्तमान में घरेलू स्तर पर निकाली गई प्राकृतिक गैस की कीमतों के निर्धारण की दो व्यवस्थाएं हैं। इस गैस का इस्तेमाल बिजली बनाने, उर्वरक का उत्पादन करने, सीएनजी में बदलने और खाना पकाने के लिए घरों में पाइप के जरिये पहुंचाने में किया जाता है।
ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड को नामांकन के आधार पर दिए गए क्षेत्रों से उत्पादित गैस की कीमत भारत द्वारा आयात किए जाने वाले कच्चे तेल की मौजूदा कीमत का 10 प्रतिशत है। यह मूल्य अधिकतम 6.5 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (एमबीटीयू) हो सकता है जो कि विनियमित या एपीएम मूल्य कहलाता है।
वहीं, गहरे समुद्र जैसे मुश्किल क्षेत्रों से उत्पादित गैस का मूल्य निर्धारण एक अलग फॉर्मूले से होता है। एक अप्रैल से 30 सितंबर तक के लिए यह मूल्य 9.87 डॉलर प्रति इकाई है।
पिछले साल इन फॉर्मूलों को अपनाए जाते समय यह निर्णय लिया गया था कि नए कुओं से उत्पादित गैस को एपीएम मूल्य के ऊपर 20 प्रतिशत का प्रीमियम दिया जाएगा। अब इस फैसले को अधिसूचित कर दिया गया है।
ओएनजीसी ने एक बयान में कहा, ‘‘पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने ओएनजीसी और ऑयल इंडिया के नामांकित क्षेत्रों से नए कुओं या कुओं में सुधार से उत्पादित गैस के आवंटन को एपीएम मूल्य पर 20 प्रतिशत प्रीमियम पर अधिसूचित कर दिया है।’’
सरकारी तेल एवं गैस कंपनी ने कहा कि नामांकित क्षेत्रों में नए कुओं या कुओं में सुधार से उत्पादित गैस के लिए एपीएम मूल्य पर 20 प्रतिशत का प्रीमियम होगा।
ओएनजीसी ने कहा कि नई गैस के लिए बढ़ी हुई कीमत नई गैस विकास परियोजनाओं को व्यवहार्य बनाएगी और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में नामांकित क्षेत्रों से प्राकृतिक गैस के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करेगी।
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