बेतुल (गोवा), सात फरवरी (भाषा) मीथेन उत्सर्जन में कमी लाने के मकसद से सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने फ्रांस की टोटलएनर्जीज के साथ समझौता किया है। समझौते के तहत ओएनजीसी फ्रांस की कंपनी की अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग कर मीथेन का पता लगाने और उत्सर्जन मापने में करेगी।
ओएनजीसी ने कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के अभियान के तहत अपने तेल और गैस परिचालन से ग्रीनहाउस गैस मीथेन के उत्सर्जन पर अंकुश लगाने का लक्ष्य रखा है।
दोनों कंपनियों ने बयान में कहा कि अब यह मीथेन उत्सर्जन का पता लगाने और मापने के लिए टोटल एनर्जीज की अग्रणी एयूएसईए (पर्यावरण मामले में उपयोग के लिए एयरबोर्न अल्ट्रालाइट स्पेक्ट्रोमीटर) प्रौद्योगिकी का उपयोग करेगी। यह मीथेन उत्सर्जन को शून्य स्तर पर लाने के प्रयास का हिस्सा है।
सहयोग समझौते पर भारत में टोटलएनर्जीज के क्षेत्रीय चेयरमैन संगकरन रत्नम और ओएनजीसी की निदेशक (अन्वेषण) सुषमा रावत ने भारत ऊर्जा सप्ताह (आईईडब्ल्यू) के मौके पर हस्ताक्षर किए।
बयान के अनुसार, ‘‘ओएनजीसी 2030 तक भारत में अपने मीथेन उत्सर्जन को कम करने में मदद करने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रौद्योगिकी भागीदारों को आमंत्रित कर रही है। टोटलएनर्जीज ने 2030 तक पूरे उद्योग को शून्य मीथेन उत्सर्जन की ओर ले जाने के प्रयास में अपनी एयूएसईए प्रौद्योगिकी को साझा करने का निर्णय लिया है।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘दोनों कंपनियां तेल एवं गैस क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने से संबद्ध ‘चार्टर’ (ओजीडीसी) से जुड़ी हुई हैं। यह जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी 28) में शुरू की गई उद्योग की एक वैश्विक पहल है।’’
भाषा रमण अजय
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