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Monday, 18 November, 2024
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रबड़ विधेयक के मसौदे में एकबारगी पंजीकरण, कुछ पुराने प्रावधानों को हटाने का प्रस्ताव

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नयी दिल्ली, 27 मार्च (भाषा) रबड़ विधेयक के मसौदे में क्षेत्र में कारोबार सुगमता को प्रोत्साहन के लिए कई प्रस्ताव किए गए हैं। इनमें आवधिक लाइसेंस को एकबारगी पंजीकरण से बदलना, प्राकृतिक रबड़ को रखने के लिए अनुमति की अनिवार्यता को समाप्त करना और निरीक्षण के लिए एक स्पष्ट प्रक्रिया तय करना जैसे प्रस्ताव शामिल हैं।

वाणिज्य मंत्रालय ने दशकों पुराने बेकार पड़ चुके कानूनों को समाप्त करने और नया अधिनियम लाने का प्रस्ताव रखा है। यह नया कानून क्षेत्र के समक्ष आ रही चुनौतियों को हल करेगा और साथ ही मौजूदा कानून के पुराने प्रावधानों को समाप्त करेगा जिससे कारोबार क्षेत्र के लिए एक अनुकूल माहौल बनाया जा सकेगा।

मंत्रालय ने रबड़ (संवर्द्धन एवं विकास) विधेयक, 2022 का मसौदा अपनी वेबसाइट पर डाला है और इसपर अंशधारकों के विचार और सुझाव आमंत्रित किए हैं।

वाणिज्य विभाग ने कार्यालय ज्ञापन में कहा है कि वह रबड़ अधिनियम 1947 को समाप्त करने और नया कानून लाने का प्रस्ताव कर रहा है।

रबड़ कानून को समाप्त करने के प्रस्ताव पर विधेयक के मसौदे में कहा गया है कि हाल के बरसों में औद्योगिक और आर्थिक परिदृश्य में व्यापक बदलाव हुअ हैं। विशेषरूप से रबड़ और संबद्ध क्षेत्रों के विकास के संदर्भ में।

रबड़ (संवर्द्धन एवं विकास) विधेयक के मसौदे में कहा गया है, ‘‘ऐसे में यह जरूरी हो गया है कि पुराने पड़ चुके प्रावधानों को समाप्त किया जाए और कामकाज के लिए अनुकूल माहौल बनाया जाए। साथ ही रबड़ बोर्ड के कामकाज को भी बेहतर किया जाए।

एक अधिकारी ने बताया कि रबड़ कानून, 1947 उस समय लागू किया गया था जबकि प्राकृतिक रबड़ (एनआर) का कुल उत्पादन 22,500 टन और बुवाई क्षेत्र 75,000 हेक्टेयर था। आज एनआर का सालाना उत्पादन आठ लाख टन और खेती का क्षेत्रफल 8,25,000 हेक्टेयर पर पहुंच गया है।

एनआर एक ऐसा कच्चा माल है जिसका इस्तेमाल दुनियाभर में करीब 40,000 उत्पादों में होता है। भारत उन चुनिंदा देशों में है, जो एनआर का उत्पादन और उपभोग भारी मात्रा में करते हैं। चालू वित्त वर्ष में दिसंबर, 2021 तक भारत का एनआर का आयात और निर्यात क्रमश: 4,07,930 टन और 2,939 टन था।

इस अवधि में इसका उत्पादन 5,60,000 टन और उपभोग 9,17,000 टन था। वित्त वर्ष 2020-21 में देश का प्राकृतिक रबड़ का आयात और निर्यात क्रमश: 4,10,478 टन और 11,343 टन था। इस दौरान इसका उत्पादन 7,15,000 टन और उपभोग 10,96,410 टन था।

भाषा अजय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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