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गुरूवार, 12 जून, 2025
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ओला के ‘कृत्रिम’ ने अपना एआई असिस्टेंट ‘कृति’ पेश किया

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नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) ओला समूह की कृत्रिम मेधा (एआई) इकाई ‘कृत्रिम’ ने बृहस्पतिवार को अपना खुद का एआई असिस्टेंट ‘कृति’ पेश किया। इसे कैब बुकिंग, खानपान का सामान ऑर्डर करने, बिल भुगतान, तस्वीरें बनाने और गहन शोध जैसे कार्यों को पूरा करने के लिए विकसित किया गया है।

कंपनी का दावा है कि ‘कृति’ भारत का पहला एआई असिस्टेंट है जो चैटबॉट की निष्क्रिय प्रतिक्रियाओं से आगे बढ़कर निर्देशित कार्य को अपने स्तर पर पूरा करने और उन्नत तार्किक क्षमताओं की पेशकश करता है।

‘कृत्रिम’ ने बयान में कहा कि कृति असिस्टेंट आवाज और लिखित शब्द दोनों पर ही काम करता है। यह उपयोगकर्ता के पिछले संवाद को याद रख सकता है और उसकी प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए अपनी प्रतिक्रियाएं देता है।

यह एआई असिस्टेंट 13 भारतीय भाषाओं में काम करता है और मोबाइल फोन पर भी इस्तेमाल के लिए इसे अनुकूलित किया गया है।

कृति की बहुआयामी क्षमताएं कृत्रिम के अपने शक्तिशाली एआई मॉडल ‘वी2’ और कुछ मुक्त-स्रोत एआई मॉडल के दम पर संचालित होती हैं। इसका लक्ष्य भारतीय उपयोगकर्ताओं को ध्यान में रखकर और कम खर्चीला एआई असिस्टेंट मुहैया कराना है।

इसके अलावा कृति शोध गतिविधियों, तस्वीरों के निर्माण और सामग्री को पढ़कर सुनाने जैसी सुविधाएं भी प्रदान करता है।

कंपनी ने कहा कि कृति असिस्टेंट पर ये सुविधाएं उपयोगकर्ताओं के लिए निःशुल्क उपलब्ध हैं।

खास बात यह है कि यह एआई असिस्टेंट विभिन्न ऐप एवं सेवाओं के साथ भी एकीकृत होता है, संदर्भ से जुड़ी मदद देता है और उपयोगकर्ताओं को कई ऐप के बीच आवाजाही की जरूरत को भी कम करता है।

कृति डेवलपर के लिए एक ऐसा टूलकिट (एसडीके) मुहैया कराता है जिसकी मदद से दूसरे ऐप बनाने वाले डेवलपर कृति की स्मार्ट एआई क्षमताओं को सीधे अपने ऐप का हिस्सा बना सकते हैं।

कृत्रिम के संस्थापक भविष अग्रवाल ने बयान में कहा, ‘‘एआई के भविष्य की ओर कृति पहला वास्तविक कदम है जहां प्रौद्योगिकी केवल जवाब नहीं देती है, बल्कि वास्तव में आपको काम पूरा करने में मदद करती है। हमने कृति को भारतीयों के जीने के तरीके के हिसाब से काम करने के लिए बनाया है: बहुभाषी, मोबाइल-प्रथम और सहज।’’

अग्रवाल ने कहा कि यह एआई असिस्टेंट बेहद व्यक्तिगत, अविश्वसनीय रूप से सक्षम और रोजमर्रा की जटिलता को दूर करने के लिए तैयार है।

भाषा प्रेम रमण प्रेम अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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