नयी दिल्ली, 30 जनवरी (भाषा) विदेशी बाजारों में तेजी के रुख के बीच जाड़े में हल्के तेलों की मांग बढ़ने से बीते सप्ताह देशभर के तेल-तिलहन बाजार में लगभग सभी तेल-तिलहनों के भाव सुधार दर्शाते बंद हुए, जबकि दूसरी ओर सरसों तेल-तिलहन और सोयाबीन दाना एवं लूज की कीमतों में गिरावट आई।
बाजार सूत्रों ने कहा कि सोयाबीन के तेल सहित खल (डीओसी) की मांग कमजोर होने से सोयाबीन दाना और लूज के भाव हानि दर्शाते बंद हुए। जबकि सरसों की अगली फसल आने से पहले सामान्य घटबढ़ के तहत सरसों तेल-तिलहनों के भाव हानि के साथ बंद हुए।
सूत्रों ने कहा कि इस साल सरकार को यह ध्यान रखना होगा कि जबकि आयातित तेल अपने उच्चतम स्तर पर है, ऐसे में अधिक उत्पादन होने के बावजूद सरसों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कौन बेचेगा। इसलिए सरकार की तरफ से सहकारी संस्था हाफेड और नेफेड को बाजार भाव पर और जरूरत पड़े तो बोनस का भुगतान करते हुए भी सरसों की खरीद कर 20-25 लाख टन का स्टॉक कर लेना चाहिये क्योंकि इस साल तेल ‘पाइपलाइन’ एकदम खाली है।
सूत्रों ने कहा कि मलेशिया में सट्टेबाजी के कारण सीपीओ के दाम में असामान्य रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है, जबकि जाड़े के मौसम में बाजार में इसके तेल की मांग कम है और ऊंचे भाव पर लिवाल नहीं हैं। स्थिति यह है कि इसके भाव सोयाबीन जैसे हल्के तेल से भी अधिक हो गये हैं। इसलिए भाव में ही तेजी है, मगर बाजार में इस तेल के लिवाल कम हैं। सीपीओ का प्रसंस्करण कर तेल बनाने की लागत कहीं ऊंची पड़ती है और इसका भाव हल्के तेल में सोयाबीन से भी अधिक है। निश्चित तौर पर उपभोक्ता सस्ता व हल्का तेल खाने को तरजीह दे रहे हैं।
सूत्रों ने कहा कि लगभग आठ-10 माह पूर्व सीपीओ का भाव सोयाबीन से लगभग 250 डॉलर प्रति टन नीचे हुआ करता था लेकिन मलेशिया में सट्टेबाजी के कारण सीपीओ के दाम 8-10 प्रतिशत की तेजी के साथ रिकॉर्ड उच्चतम स्तर पर जा पहुंचे हैं। बाजार में इसके भाव सोयाबीन से भी अधिक हो चले हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह ‘कृत्रिम तेजी’ सट्टेबाजी के कारण है।
उन्होंने कहा कि हल्के तेलों में खरीदारों के लिए मूंगफली तेल सबसे सस्ता बैठता है। इस कारण समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली तेल-तिलहन कीमतों में सुधार आया।
सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताह में शिकॉगो एक्सचेंज के तेज होने और मलेशिया एक्सचेंज के 8-10 प्रतिशत और मजबूत होने से सोयाबीन तेल के भाव में सुधार है। सोयाबीन डीओसी की मांग कमजोर रहने से समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन दाने और लूज के भाव गिरावट दर्शाते बंद हुए।
सूत्रों ने कहा कि अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) के संदर्भ में भी सरकार को लगातार निगरानी रखनी होगी और शुल्क कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को दिलाना सुनिश्चित करना होगा। इसकी सख्त निगरानी करना जरूरी है क्योंकि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमआरपी) का नाजायज फायदा बड़ी दुकानें, बड़े मॉल और परचून विक्रेता उठाते हैं। खुदरा व्यापारी कंपनियों से ज्यादा एमआरपी का माल मांगते हैं जो उपभोक्ताओं का जेब काटने के मकसद से होता है।
सूत्रों ने बताया कि बीते सप्ताह सरसों दाने का भाव 500 रुपये घटकर 8,145-8,175 रुपये प्रति क्विंटल रह गया, जो पिछले सप्ताहांत 8,645-8,675 रुपये प्रति क्विंटल था। सरसों दादरी तेल का भाव पिछले सप्ताहांत के मुकाबले 950 रुपये लुढ़ककर समीक्षाधीन सप्ताहांत में 16,600 रुपये क्विंटल रह गया। वहीं सरसों पक्की घानी और कच्ची घानी तेल की कीमत क्रमश: 135-135 रुपये टूटकर क्रमश: 2,470-2,595 रुपये और 2,650-2,765 रुपये प्रति टिन रह गई।
सूत्रों ने कहा कि समीक्षाधीन सप्ताहांत में सोयाबीन दाने और सोयाबीन लूज के भाव क्रमश: 165-165 रुपये की हानि के साथ क्रमश: 6,325-6,375 रुपये और 6,185-6,240 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।
समीक्षाधीन सप्ताह में सोयाबीन तेल कीमतों में भी सुधार रहा। सोयाबीन दिल्ली, इंदौर और सोयाबीन डीगम के भाव क्रमश: 330 रुपये, 350 रुपये और 270 रुपये का सुधार दर्शाते क्रमश: 13,650 रुपये, 13,350 रुपये और 12,120 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुए।
हल्के तेलों में सस्ता होने के कारण मांग बढ़ने से समीक्षाधीन सप्ताह में मूंगफली दाने के भाव 25 रुपये के सुधार के साथ 5,840-5,930 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ, जबकि मूंगफली तेल गुजरात और मूंगफली सॉल्वेंट के भाव के भाव क्रमश: 20 रुपये और 90 रुपये सुधरकर क्रमश: 13,020 रुपये प्रति क्विंटल और 2,000-2,125 रुपये प्रति टिन पर बंद हुए।
मलेशिया में भाव 8-10 प्रतिशत बढ़ाये जाने से समीक्षाधीन सप्ताहांत में कच्चे पाम तेल (सीपीओ) और पामोलीन तेल कीमतों में भी सुधार दिखा। सीपीओ का भाव 300 रुपये बढ़कर 11,850 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ। पामोलीन दिल्ली का भाव भी 340 रुपये का सुधार दर्शाता 13,100 रुपये और पामोलीन कांडला का भाव 340 रुपये के सुधार के साथ 12,050 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
बिनौला तेल का भाव 300 रुपये का सुधार दर्शाता 12,500 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
भाषा राजेश अजय
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