नयी दिल्ली, 20 फरवरी (भाषा) भारत में बढ़ती मांग और प्रोत्साहनों के चलते इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की कुल संख्या 2030 तक 2.8 करोड़ से अधिक होने की उम्मीद है। भारत ऊर्जा भंडारण गठबंधन (आईईएसए) ने एक रिपोर्ट में यह बात कही।
आईईएसए ने एक बयान में कहा कि भारत कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण और लगातार प्रगति कर रहा है।
गठबंधन ने कहा कि मांग और आपूर्ति संबंधी प्रोत्साहन, बढ़ती उपभोक्ता मांग और चार्जिंग बुनियादी ढांचा तैयार करने से ईवी की बिक्री तेजी से बढ़ी है।
बयान में कहा गया कि पर्यावरण के लिए बढ़ती जागरूकता, ग्राहकों की रुचि, बैटरी प्रौद्योगिकी में प्रगति और आसानी से उपलब्ध ईवी चार्जिंग अवसंरचना के कारण इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की संभावना सकारात्मक बनी हुई है।
वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की कुल इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बिक्री 41 लाख इकाई को पार कर गई।
इलेक्ट्रिक परिवहन, ऊर्जा भंडारण और हाइड्रोजन पर केंद्रित एक प्रमुख गठबंधन आईईएसए ने अनुमान जताया है कि 2030 में ईवी की कुल संख्या 2.8 इकाई से अधिक हो जाएगी। इस कारण बिजली की महत्वपूर्ण मांग भी पैदा होगी।
यह अनुमान लगाया गया है कि वार्षिक बिक्री में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की हिस्सेदारी 83 प्रतिशत, इलेक्ट्रिक चार पहिया वाहन की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत और ट्रक, बस तथा तिपहिया जैसे वाणिज्यिक वाहनों की हिस्सेदारी सात प्रतिशत होगी।
आईईएसए के अंतरिम अध्यक्ष विनायक वालिम्बे ने कहा कि भारत में बिजली की खपत में पर्याप्त वृद्धि देखी गई है।
केंद्रीय बिजली प्राधिकरण (सीईए) के अनुसार, पिछले साल अप्रैल-अक्टूबर के दौरान सार्वजनिक चार्जिंग अवसंरचना पर बिजली की खपत 465 गीगावाट प्रति घंटा थी, जो 2022-23 के 204 गीगावाट घंटा की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है।
भाषा पाण्डेय अनुराग
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