scorecardresearch
Friday, 17 January, 2025
होमदेशअर्थजगतएनएसएसओ सर्वे, जनगणना से खाद्य सुरक्षा कानून को बेहतर तरीके से लागू करने में मिलेगी मदद

एनएसएसओ सर्वे, जनगणना से खाद्य सुरक्षा कानून को बेहतर तरीके से लागू करने में मिलेगी मदद

Text Size:

नयी दिल्ली, 16 नवंबर (भाषा) सरकार को परिवारों के खपत व्यय को लेकर एनएसएसओ सर्वे के अगले साल जून तक पूरा होने की उम्मीद है। इसके साथ नई जनगणना से लक्षित लाभार्थियों की पहचान और पात्रता नहीं रखने वाले लोगों को योजना से बाहर कर खाद्य सुरक्षा कानून का बेहतर तरीके से क्रियान्वयन सुनिश्चित होगा।

सरकार ने उच्चतम न्यायालय में हाल में दिये हलफनामे में कहा कि राष्ट्रीय नमूना सर्वे संगठन (एनएसएसओ) सर्वे इस साल जुलाई में शुरू हुआ और यह अगले साल जून में पूरा होगा। आंकड़ा दिसंबर में प्रकाशित होगा।

पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद प्रणब सेन ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘खाद्य सुरक्षा कानून के तहत खाद्यान्न की मात्रा निर्धारित करने के लिये एनएसएसओ सर्वे जरूरी है।’’

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि खाद्य सब्सिडी की जरूरत वाले परिवार की पहचान के लिये जनगणना जरूरी है। इससे उन परिवारों को योजना से बाहर किया जा सकेगा, जिन्हें इसकी जरूरत नहीं है।

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून 2013 के तहत लाभार्थियों की मौजूदा संख्या 2011 की जनगणना के आधार पर निर्धारित है।

जनगणना का काम एक दशक पर होता रहा है। लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण नया सर्वे जुलाई, 2022 में शुरू हो पाया और क्षेत्र में काम जून, 2023 में पूरा होगा।

क्षेत्र में काम पूरा होने के बाद आंकड़े प्रकाशित होने में छह महीने का समय लगेगा। यानी यह दिसंबर, 2023 तक पूरा हो सकता है।

फिलहाल खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में ग्रामीण क्षेत्रों में 75 प्रतिशत परिवार और शहरी क्षेत्रों में 50 प्रतिशत परिवार आते हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार लाभार्थियों की संख्या 81.35 करोड़ है जो आबादी का 67 प्रतिशत है।

सरकार का कहना है कि समय के साथ लोगों का जीवन स्तर सुधरा है और ऐसे में खाद्य सुरक्षा कानून के अंतर्गत आने वाले परिवारों की संख्या कम करने की जरूरत है।

उसने कहा कि सरकार ने आंकड़ों के अभाव में मौजूदा सीमा को सोच-समझकर नहीं घटाया।

सरकार ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून के लागू होने के बाद पिछले आठ साल में वास्तविक आधार पर देश में प्रति व्यक्ति आय 33.4 प्रतिशत बढ़ी है।

उसने कहा कि प्रति व्यक्ति आय बढ़ने से बड़ी संख्या में परिवार उच्च आय वर्ग में आये हैं और उनकी स्थिति उतनी खराब नहीं हो सकती, जितनी 2013-14 में थी।

खाद्य सुरक्षा कानून के तहत प्रत्येक व्यक्ति को हर महीने पांच किलो अनाज कम मूल्य पर मिलता है। इसमें चावल तीन रुपये किलो और गेहूं दो रुपये किलो मिलता है। वहीं मोटा अनाज एक रुपये प्रति किलो मिलता है। अंत्योदय अन्न योजना के लाभार्थी (2.5 करोड़ परिवार) 35 किलो अनाज प्रति परिवार पाने के हकदार हैं।

भाषा

रमण अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments