नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) भारत के पूंजी बाजारों में वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान खुदरा निवेशकों की उल्लेखनीय भागीदारी हुई।
इस दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में 84 लाख से अधिक नए सक्रिय डीमैट खाते जोड़े गए। यह आंकड़ा सालाना आधार पर 20.5 प्रतिशत अधिक है। इसके साथ ही एनएसई पर कुल सक्रिय डीमैट खाते बढ़कर 4.92 करोड़ हो गए।
इस वृद्धि में सबसे आगे दो डिजिटल ब्रोकरेज कंपनियां- ग्रो और एंजल वन हैं। इनकी कुल शुद्ध वृद्धि में 57 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रही।
ग्रो सबसे अधिक योगदानकर्ता बनकर उभरी, जिसने 34 लाख नए खाते जोड़े। इसकी एनएसई की वृद्धि में 40 प्रतिशत हिस्सेदारी रही। इसका सक्रिय ग्राहक आधार मार्च, 2024 के 95 लाख से बढ़कर मार्च, 2025 में 1.29 करोड़ हो गया।
एनएसई के आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान ग्रो की बाजार हिस्सेदारी 23.28 प्रतिशत से बढ़कर 26.26 प्रतिशत हो गई।
एंजल वन ने वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 14.6 लाख खाते जोड़े, और इसके एनएसई की कुल वृद्धि में 17.38 प्रतिशत का योगदान दिया। इसकी बाजार हिस्सेदारी 15.38 प्रतिशत है।
इनके अलावा, जीरोधा ने वित्त वर्ष 2024-25 में 5.8 लाख नए खाते जोड़े, और एनएसई की कुल वृद्धि में इसने लगभग सात प्रतिशत का योगदान दिया। वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक इसकी बाजार हिस्सेदारी 16 प्रतिशत थी।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने सालाना आधार पर 36.78 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज की, और उसका ग्राहक आधार 14.9 लाख के करीब था। इसकी बाजार हिस्सेदारी तीन प्रतिशत थी।
भाषा पाण्डेय अजय
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