नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) गूगल ने गूगल मैप्स पर भारत के लिए अपनी तरह की पहली सुविधा की शुरुआत बृहस्पतिवार को की जिसमें उपयोगकर्ता अपने घरों का ‘प्लस कोड्स पता’ जानने के लिए अपनी वर्तमान लोकेशन का इस्तेमाल कर सकते हैं।
‘प्लस कोड्स’ मुक्त, खुले स्रोत से प्राप्त होने वाले डिजिटल पते होते हैं जो उन स्थानों की भी सटीक जानकारी बता सकते हैं जिनका सही-सही आपैचारिक पता नहीं होता।
गली और इलाके के नाम के बजाए प्लस कोड अक्षांश और देशांतर पर आधारित होते हैं और इन्हें अक्षरों और संख्याओं की छोटी श्रृंखला के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। इस तरह, इससे सही जगह पर पहुंचा जा सकता है और यह दुकानों का पता लगाने और उनतक पहुंचने को भी आसान बनाते हैं।
प्लस कोड्स् की शुरुआत 2018 में हुई थी और तब से इसे देश में गैर सरकारी संगठनों और सरकारों ने बड़े पैमाने पर अपनाया है।
गूगल मैप्स की ‘प्रोडक्ट मैनेजर’ अमांडा बिशप ने कहा, ‘‘हम उपयोगकर्ताओं को सशक्त बनाना चाहते हैं, इसी क्रम में वे अपनी दैनिक जरूरतों के लिए ‘प्लस कोड’ पतों का सीधे इस्तेमाल कर सकेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने भारत में यह सुविधा एक महीने पहले शुरू की थी। यह प्रसन्नता का विषय है कि भारत में तीन लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं ने प्लस कोड्स के जरिए अपने घरों का पता खोज लिया।’’
बयान में बताया गया कि गूगल मैप्स पर ‘होम’ लोकेशन सुरक्षित करने पर भारत के उपयोगकर्ता ‘अपनी वर्तमान लोकेशन का इस्तेमाल करें’ फीचर देख सकेंगे जिसमें प्लस कोड तैयार करने के लिए फोन की लोकेशन का इस्तेमाल किया जाएगा और इसे बाद में उपयोगकर्ता अपने घर के पते के रूप में इस्तेमाल कर सकेंगे। इन पतों को साझा भी किया जा सकेगा।
इसमें कहा गया कि अभी यह सुविधा केवल एंड्रॉयड पर उपलब्ध है और बाद में इसे आईओएस प्लेटफॉर्म के लिए भी लाया जा सकेगा।
भाषा
मानसी रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.