(फाइल फोटो के साथ)
नयी दिल्ली, 11 अक्टूबर (भाषा) उद्योगपति रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा अब ‘टाटा ट्रस्ट्स’ के चेयरमैन होंगे। वह चार दशक से अधिक समय से टाटा समूह से जुड़े हैं और नमक से लेकर सॉफ्टवेयर तक का कारोबार करने वाले इस समूह में धीरे-धीरे अपना कद बढ़ाते रहे हैं।
रतन टाटा की छत्रछाया में अधिकतर काम करने के बाद नोएल (67) को अब ‘टाटा ट्रस्ट्स’ का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी मिलेगी। इसमें मोटे तौर पर सर रतन टाटा ट्रस्ट एंड अलाइड ट्रस्ट्स और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट एंड अलाइड ट्रस्ट शामिल हैं, जिनके पास टाटा संस की नियंत्रक 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है। टाटा संस, टाटा समूह की कंपनियों की होल्डिंग और प्रवर्तक कंपनी है।
नोएल, सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के निदेशक मंडल में न्यासी (ट्रस्टी) हैं।
रतन टाटा (86) का बुधवार रात आयु संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं से निधन हो गया था। इसके बाद ही ‘टाटा ट्रस्ट्स’ के चेयरमैन के पद के लिए उनके उत्ताराधिकारी की तलाश शुरू हुई और नोएल टाटा के नाम पर अंतिम मोहर लगी।
नवल एच टाटा और सिमोन एन टाटा के पुत्र नोएल टाटा वर्तमान में टाटा समूह की विभिन्न कंपनियों के निदेशक मंडल का हिस्सा हैं। वह ट्रेंट, टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड, वोल्टास तथा टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के चेयरमैन और टाटा स्टील तथा टाइटन कंपनी लिमिटेड के वाइस चेयरमैन हैं।
वह 40 साल से अधिक समय से टाटा समूह से जुड़े हुए हैं।
नोएल ने अगस्त, 2010 और नवंबर, 2021 के बीच टाटा समूह की व्यापार तथा वितरण इकाई टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के रूप में आखिरी बार कोई कार्यकारी पद संभाला था। इस दौरान उन्होंने कंपनी के कारोबार को 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर से तीन अरब डॉलर से अधिक तक पहुंचाया था।
नोएल, टाटा इंटरनेशनल में अपने कार्यकाल से पहले टाटा समूह की खुदरा इकाई ट्रेंट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने 1998 में एक स्टोर से लेकर विभिन्न फॉर्मेट वाले 700 से अधिक स्टोर तक ट्रेंट की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
ससेक्स विश्वविद्यालय (ब्रिटेन) से स्नातक नोएल ने 1994 में इनसीड से अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी कार्यक्रम (आईईपी) की पढ़ाई पूरी की थी।
भाषा निहारिका अजय
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